निवाड़ी।बदलते विज्ञान के इस युग में बुंदेलखण्ड के ग्रामीण अंचलों में आज भी पुरानी परंपराएं जीवित हैं. जिनमें से एक परंपरा बारिश को लेकर है, जिसमें टिटहरी पक्षी द्वारा खुले खेतों में दिये गए अंडों की संख्या के आधार पर आज भी लोग बारिश का अनुमान लगाते हैं, इसके साथ ही उस पर पूर्ण विश्वास करते हैं.
टिटहरी पक्षी के अंडों से ग्रामीणों ने लगाया बारिश का अनुमान ऐसे बारिश का अनुमान लगाते हैं ग्रामीण: टिटहरी नाम का यह पक्षी जितने अंडे देता है और उन अंडों में से कितने अंडे आपस में चिपके हुए है और शेष अंडों में आपस में कितना अंतर है, इसके आधार पर ग्रामीण बारिश का अनुमान लगाते हैं. मान्यता है कि जितने अंडे चिपके होते हैं उतने माह पूरे बुंदेलखंड के साथ-साथ देश में अच्छी बरसात होती है और जो अंडे अलग रहते है उतने माह कम बरसात होती है.
इस साल अच्छी होगी बारिश:पुरातन काल से ही लोग इस मान्यता पर भरोसा करते हैं और इसी के सहारे खेतों में किसान बारिश के आगमन के पूर्व अपनी खेती की तैयारियां शुरू कर देते हैं. जबकि वर्तमान में भले ही मौसम विभाग और कृषि विभाग किसानों को मौसम की सटीक जानकारी देते हों, लेकिन बुंदेलखंड का किसान आज भी टिटहरी पक्षी के अंडों से बारिश का अंदाजा लगाता है. वहीं मौसम विभाग के अधिकारी का भी कहना है कि इस वर्ष अच्छी बारिश होने की संभावना है. फिलहाल इस साल टिटहरी ने तीन अंडे दिए हैं जिनमें दो अंडे आपस मे जुड़े हुए है एक कुछ अलग है, जिससे किसानों का अनुमान है कि इस वर्ष दो माह अच्छी बरसात होगी, बाकी एक माह कम बरसात होगी. वहीं मौसम वैज्ञानिकों द्वारा बताया गया है कि 18 तारीख के बाद मौसम का संयोग बन रहा है.
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टिटहरी पक्षी के अंडों के बारे में:बुंदेलखंड में ऐसी मान्यता हजारों बर्षों से प्रचलित है और आज भी चली आ रही है, बुंदेलखंड के निवाड़ी जिले के जियार गांव के किसान टिटहरी पक्षी के अंडों से ही अनुमान लगा लेते है कि इस बर्ष बरसात कैसी होना है. यह पक्षी पूरे भारत देश मे पाया जाता है और यह पक्षी तीन या चार अंडे ही देता है इससे ज्यादा नहीं, यह पक्षी अपने अंडे किसी पेड़ या ऊंचे स्थान पर नहीं बल्कि यह अपने अंडे खेतों, नदी किनारे, नालो के पास या गड्ढे नुमा जमीन में कुछ कंकड़ पत्थर इक्कठे कर उसी के उपर देता है (रखता) है. इन अंडों का स्वरूप मिट्टी नुमा होता है जिससे दूर से समझ में नहीं आ सके कि यहा अंडे रखे हैं. इसके साथ ही यह पक्षी जहां पर भी अंडे रखता है वहां से काफी दूरी पर बैठता है, जिससे किसी व्यक्ति या जानवर को यह अहसास ना हो कि वहां अंडे रखे हुए हैं.