निवाड़ी ।मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में विश्व प्रसिद्ध रामराजा सरकार का मंदिर है. कोरोना के बढ़ते मामलों को लेकर एहतियाती कदम उठाते हुए रामराजा सरकार के दर्शनों की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है. अब केवल ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे. साथ ही प्रशासन ने कोरोना गाइड लाइन का भी सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं. निवाड़ी कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने कहा कि लोगों तक मीडिया के माध्यम से जानकारी देने के बाद 13 जनवरी से यह नियम लागू कर दिया जाएगा.
रोजाना केवल 1000 लोगों को मिलेगा प्रवेश
नए नियमों के अनुसार श्रीरामराजा सरकार के दर्शन के लिए रोजाना केवल 1000 लोगों को ही प्रवेश मिलेगा. जिसमें 500 सुबह और 500 भक्त शाम को दर्शन कर सकेंगे. प्रवेश से पहले मन्दिर की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. जिसमें दोनों वेक्सिनेशन के सर्टिफिकेट और कोरोना टेस्ट की 48 घंटे पहले की रिपोर्ट नेगेटिव होना चाहिए. इसके अलावा मास्क, सोशल डिस्टेंस व सेनेटाइजर के नियमों का पालन करना होगा. विशेष दर्शन पूर्णतः प्रतिबंधित रहेंगे. किसी विशेष परिस्थिति में दर्शन के लिए कलेक्टर की अनुमति लेना जरूरी है.
हर दिन पर्यटकों और श्रद्धालुओं की लगी रहती है भीड़
ओरछा पर्यटन,आध्यत्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत लोकप्रिय है. देश विदेश से पर्यटक और श्रद्धालुओं का आना जाना यहां हमेशा लगा रहता है. लोग नये वर्ष की शुरुआत से ही ओरछा में भगवान श्री राम राजा का आशीर्वाद लेने बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
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ओरछा राम राजा मंदिर की कहानी
ओरछा मंदिर के पीछे बहुत रोचक कहानी है. ओरछा मंदिर भगवान राम की मूर्ति के लिए बनवाया गया था, लेकिन मूर्ति स्थापना के वक्त यह अपने स्थान से हिली नहीं. इस मूर्ति को अयोध्या से पैदल चलकर एक रानी द्वारा ओरछा लाया गया था. जहां किसी कारण से भगवान राम को कुछ समय के लिए महल के भोजन कक्ष में स्थापित किया गया था. लेकिन मंदिर बनने के बाद कोई भी मूर्ति को उसके स्थान से हिला नहीं पाया. इसे ईश्वर का चमत्कार मानते हुए महल को ही मंदिर का रूप दे दिया गया और इसका नाम रखा गया राम राजा मंदिर. आज इस महल के चारों ओर शहर बसा है और राम नवमी पर यहां हजारों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं. वैसे, भगवान राम को यहां भगवान मानने के साथ ही यहां का राजा भी मानते हैं, क्योंकि उस मूर्ति का चेहरा मंदिर की ओर न होकर महल की ओर है. वहीं मंदिर में चमड़े से बनी वस्तुओं का प्रवेश निषेध है.
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