निवाड़ी।आजादी के 75 साल बाद भी गरीबों के हालात जस की तस बने हुए है. आजादी के बाद देश में कई सरकारें आई और गई लेकिन किसी ने इनकी ओर ध्यान नहीं दिया. आज भी कुछ लोग टूटे फूटे कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं. हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले की जहां हाल ही में जनदर्शन यात्रा (Jandarshan Yatra) के दौरान प्रधानमंत्री आवास में हुए भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने तीन अधिकारियों को मौके पर ही सस्पेंड किया था.
दरअसल सीएम चौहान ने 15 सितंबर को नगर पंचायत जेरोन में प्रधानमंत्री आवास योजना में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत मिलने पर मुख्यमंत्री ने नगर पंचायत के तत्कालीन सीएमओ और उपयंत्री को मंच से ही सस्पेंड कर पूरे मामले की जांच के आदेश दिए थे. जेरोन निवासी रामपास आदिवासी का कहना है कि उसके पास रिश्वत देने के लिए पैसे नहीं है, इसके लिए उसे आवास नहीं मिला. पिछले कई वर्षों से अपने बच्चों के साथ पन्नी डालकर झोपड़ी में रह रहा है. पक्का मकान ना होने के कारण उसकी पत्नी भी उसे और बच्चे को छोड़कर चली गई.
सरकार के सभी दावें खोखले
रामपास के पड़ोसियों ने बताया कि एक सीधा व्यक्ति है. मजदूरी कर अपना पेट पालता है. कुछ वर्ष पूर्व बरसात में मकान धराशाई हो गया था. जितना मकान बचा उस पर पन्नी डालकर यह अपने बच्चे के साथ रहता है. उसी के अंदर खाना बनाता है और सोता है. अब ऐसे में सरकार के वह दावें खोखले साबित होते हैं, जिसमें सरकार अपने आप को गरीबों का मसीहा बताती है.