नीमच। जहां चाह वहा राह की कहावत को मनासा जनपद क्षेत्र के गांव बर्डिया के एक महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने असंभव को संभव कर दिखाया है. महिलाएं नर्सरी में ही जैविक खाद तैयार कर खाद बेचने के साथ साथ खाद का इस्तेमाल नए पौधे तैयार करने में भी उपयोग कर रही है.
जिला पंचायत सीईओ आशीष सांगवान के मार्गदर्शन में नर्सरी का संचालन कर स्व-सहायता समूह की 15 महिलाओं ने बंजर जमीन पर एक साल में लहलहाती हुई नर्सरी तैयार कर दी है. नर्सरी ग्राम पंचायत बर्डिया और उद्यानिकी विभाग के संयुक्त प्रयासों से तैयार की गई है. जिसका संचालन आजीविका स्व सहायता समूह बर्डिया की महिलाओं द्वारा किया जा रहा है.
महिलाओं ने तैयार की हरी भरी नर्सरी नर्सरी से महिलाएं स्वावलंबी बन रही है
महिलाओं के अथक प्रयासों से अब नर्सरी में तैयार पौधे विक्रय भी हो रहे है. इससे इन महिलाओं को अब आमदनी भी होने लगी है. समूह की 14 महिलाओं के परिश्रम और जनपद पंचायत, ग्राम पंचायत और उद्यानिकी विभाग के संयुक्त प्रयासों से इन महिलाओं का परिवार प्रगति की ओर बढ़ रहा है. समूह की महिलाओं ने बताया कि. उन्होंने उद्यानिकी विभाग के मार्गदर्शन में असंभव कार्य को संभव करके दिखाया है. जहां बंजर जमीन पर सिर्फ कटीली झाड़िया और कंकर पत्थर थे. वहां अब हरे भरे आम, जामफल, नीमच, काजू, बादाम, आवला, निम्बू, सीताफल, गुलाब जैसे अनेक फलदार, छायादार किस्म के पौधे तैयार कर विक्रय करना शुरू कर दिए है. साथ ही नर्सरी में वर्मीकम्पोस्ट तैयार किया जा रहा है, जो नर्सरी में लगाए गए पौधों के उपयोग में लाया जा रहा है. बाकि को विक्रय किया जा रहा है. शुरुआत में इन महिलाओं को 10 से 15 हजार का मुनाफा भी हुआ है.
महिलाओं की मांगनंदू बाई खेर और स्व सहायता समूह कि सचिव कंचन बाई मालवीय महिला ने बताया के इस वर्ष कम बारिश के चलते पानी की समस्या से कई पौधे सूख रहे हैं. वहीं हमने पानी की समस्या से निजात दिलाने के लिए ग्राम पंचायत बरडिया के सरपंच सचिव से इस समस्या से अवगत करवाया था. अधिकारियों को भी इस समस्या से अवगत करवाया था. लेकिन ग्राम पंचायत द्वारा कुआं तालाब नहीं में खुदवाया जा रहा है. जिसको लेकर महिलाओं ने मांग की है कि कुआं नर्सरी परिसर में ही खोदा जाए ताकि पीने के लिए भी पानी की व्यवस्था हो सके.