नीमच। राज्य सरकार शहर और गांवों के विकास के लाख दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है. नीमच जिला मुख्यायल से 80 किलोमीटर दूर गांधीसागर डूब क्षेत्र में बसा गांव मेरियाखेड़ी ढाणी गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहा है. भारी बारिश से मेरियाखेड़ी ढाणी गांव का हाल बेहाल है. हालत यह है कि इस गांव को अन्य गांवों से जोड़ने वाली सड़क 80 फीट तक बह गई है. ऐसे में ग्रामीणों की जिंदगी नाव के सहारे चल रही है.
मनासा जनपद की कुंदवासा पंचायत के अंतर्गत आने वाला मेरियाखेड़ी ढाणी गांव गांधी सागर के पानी से टापू बन गया है. भारी बारिश से अन्य गांवों से जोड़ने वाली सड़क बह गई है, जिससे लोग नाव के सहारे अपनी जिंदगी की गाड़ी चलाने को मजबूर हैं. सड़क बहने से आवाजाही करना किसी के लिए चुनौती से कम नहीं है. ऐसे में बीमार लोगों को इलाज के लिए गांव से बाहर निकलना तक मुश्किल हो रहा है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि गांव के पास अस्पताल नहीं होने से गर्भवती महिलाओं को डिलीवरी के लिए एक महीने पहले किसी दूसरे गांव में शिफ्ट होना पड़ता है.