नीमच। अफीम की खेती के लिए भी पूरे देश में मालवा क्षेत्र को पहचाना जाता है. लेकिन अफीम की खेती करने वाले किसान इन दिनों बेहद चिंतित हैं. मालवा क्षेत्र के अफीम काश्तकारों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है. इन दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन के चलते अप्रैल से होने वाली तुलाई कैंसिल कर दी गई है.
लॉकडाउन के चलते अफीम तौल बंद होने से किसानों की बढ़ी चिंता, लाइसेंस निरस्त होने का डर - नीमच कोरोना न्यूज
अफीम की खेती के लिए मालवा क्षेत्र पूरे देश में पहचाना जाता है. देशभर में लॉकडाउन के चलते अप्रैल से होने वाली तुलाई कैंसिल कर दी गई है. अफीम की खेती करने वाले किसान इन दिनों बेहद चिंतित हैं.
बता दे कि, जिले में अफीम तस्करी की कई वारदातें हो चुकी हैं, जिसके चलते किसान अफीम सुरक्षा के लिए घर के बाहर रात-दिन पहरा देने को मजबूर हैं, किसानों का कहना है कि अफीम उगाने के लिए केंद्र सरकार लाइसेंस जारी करती है. तब जाकर अफीम की पैदावार की जा सकती है, हर साल अप्रैल में अफीम तुलने के बाद नारकोटिक्स विभाग में जमा हो जाती है, लेकिन इन दिनों केंद्र सरकार की ओर से अफीम लेने के लिए किसी भी प्रकार का निर्देश जारी नहीं हुआ हैं. वहीं अफीम धीरे-धीरे सूखती जा रही है, यदि तय समय पर अफीम का तौल नहीं हो पाया, तो किसानों को लाइसेंस निरस्त होने का डर है.