मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद: कहीं टपकते टीन शेड, तो कहीं छातों के नीचे दी जा रही मुखाग्नि

नीमच जिले में मृतकों के परिजनों को शव के अंतिम संस्कार (funeral) में जद्दोजहद करना पड़ रही है. कहीं टपकते टीन शेड, तो कहीं छातों के नीचे परिजन अपनों को मुखाग्नि दे रहे है. जिले के मुक्तिधामों को लेकर कई बार शिकायत की गई, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.

struggle for funeral
अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद

By

Published : Sep 22, 2021, 2:29 PM IST

नीमच।जिले के मुक्तिधामों (Muktidham) के हालात खराब हो गए. मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए भी लोगों को जद्दोजहद करना पड़ रही है. नीमच जिले की दो तस्वीरें सामने आई है, जिसमें गिरते पानी में अंतिम संस्कार करने के लिए परिजनों को जलती चिता के उपर छाता लगाना पड़ रहा है, ताकी चिता की आग ना बुझ जाए. पहली तस्वीर जावद विधानसभा के मीणा गांव की है. यहां पर परिजनों ने मृतक को अस्थाई टीन शेड के नीचे मुखाग्नि तो दे दी, लेकिन पानी के कारण अस्थाई टीन शेड गिर गया. इसके बाद परिजनों ने चारों ओर से टीन पकड़ा और अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की.

दूसरी तस्वीर शहर के मुक्तिधाम की हैं, जहां पर परिजनों ने मृतक की चिता को मुखाग्नि दी और अचानक पानी बरसने लगा. पानी मुक्तिधाम में बने टीन शेड से टपकने लगा. मृतक के परिजनों ने चिता पर छाता लगाकर पानी को रोका. परिजनों का कहना है कि यह मुक्तिधाम समिति ने विधायक निधि और जन सहयोग से बनाया था.

अंतिम संस्कार के लिए जद्दोजहद

खोखले दावों की पुख्ता तस्वीर: उफनती नदी पार करने पर मजबूर हुई गर्भवती महिला

कई वर्षों से नहीं बना मुक्तिधाम

सेमल मीणा गांव के ग्रामीणों का कहना है कि गांव में कई वर्षों से मुक्तिधाम नहीं बना है. कई बार इस संबंध में पंचायत और जिला स्तर पर अर्जी लगा चुके है लेकिन अभी तक सुनवाई नहीं हुई. हर साल बारिश के समय जद्दोजहद कर मृतकों का अंतिम संस्कार करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा के विधानसभा क्षेत्र में आता है. फिर भी यहां मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details