भोपाल।मध्यप्रदेश के अफीम के बड़े उत्पादक जिलों में गिने जाने वाले नीमच विधानसभा सीट पर कांग्रेस को पिछले 20 सालों से जीत का खाता खुलने का इंतजार है. साल 2003 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस से यह सीट दूर होती चली गई. पिछले चार चुनावों के दौरान कांग्रेस ने चुनाव में उम्मीदवार बदले, खूब पसीना बहाया, लेकिन हिस्से में जीत नहीं आ सकी. इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने रणनीति तैयार की है. उधर, बीजेपी अपनी जमीन को और मजबूत करने में जुटी है. यही वजह है कि जन आर्शीवाद की दूसरी यात्रा को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नीमच से ही रवाना किया था. MP Seat Scan Neemuch
ये है सीट का सियासी इतिहास :साल 1998 में मंदसौर जिले की नीमच, जावद और मनासा तहसील को मिलाकर नीमच जिले का गठन किया गया था. नीमच की मुख्य पहचान अफीम के सबसे बड़े उत्पादक जिलों में होती है. यह प्रदेश की सबसे बड़ी मंडी भी है. नीमच जिले में तीन विधानसभा क्षेत्र नीमच, मनासा और जावद आते हैं. इनमें से नीमच विधानसभा क्षेत्र पर बीजेपी का पिछले 20 सालों से कब्जा है. इस विधानसभा सीट पर अब तक 14 विधानसभा चुनाव हुए हैं. इसमें से 5 बार कांग्रेस अपनी पकड़ बनाने में कामयाब रही, जबकि 9 बार बीजेपी उम्मीदवार को जनता ने अपना प्रतिनिधि चुना है. 1990 से हुए 7 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस यहां सिर्फ एक बार जीती है. कांग्रेस के नंदकिशोर पटेल ने 1998 में जीत दर्ज की थी, लेकिन इसके बाद कांग्रेस फिर कभी वापसी नहीं कर पाई. MP Seat Scan Neemuch