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MP Seat Scan Jawad: अपनी परंपरागत व हाईप्रोफाइल सीट पर क्या जीत का पंच लगा पाएगी BJP, पलटवार करने की तैयारी में कांग्रेस - जावद विधानसभा के सियासी समीकरण

Jawad Vidhan Sabha Seat: मध्यप्रदेश के नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट हाईप्रोफाइल सीटों में गिनी जाती रही है. इस सीट पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरेन्द्र कुमार सकलेचा लगातार चुनाव जीतते रहे. उनके निधन के बाद इस सीट पर पिछले 4 बार से लगातार उनके बेटे ओमप्रकाश सकलेचा जीतते आ रहे हैं. वह शिवराज सरकार में मंत्री भी हैं. हालांकि क्षेत्र में रोजगार और विकास के मुद्दों को लेकर स्थानीय स्तर पर नाराजगी दिखाई देती है.

MP Seat Scan Jawad
जावद विधानसभा सीट

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 29, 2023, 1:02 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों प्रमुख दल बीजेपी व कांग्रेस एक-एक सीट पर ठोस रणनीति बनाने में जुटे हैं. वैसे तो मालवा में एक समय बीजेपी का बोलबाला रहा है लेकिन साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को दिन में तारे दिखा दिए थे. नीमच जिले की जावद विधानसभा सीट वैसे तो बीजेपी की पारंपरिक सीट मानी जाती है. लेकिन इस बार यहां बीजेपी के लिए मुकाबला आसान नहीं है. लोगों का कहना है कि यहां विकास की फसल कागजों पर दिखाई देती है. युवा नाराज हैं क्योंकि रोजगार नहीं है. वहीं, कांग्रेस को इस सीट पर 20 सालों से जीत का इंतजार है. mp chunav 2023

ये है सीट का सियासी इतिहास :साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने अंतरविरोध के कारण हारी. टिकट न मिलने से बगावत कर निर्दलीय मैदान में उतरे समंदर पटेल ने 33 हजार 712 हासिल किए. नतीजा कांग्रेस की हार के रूप में सामने आया. कांग्रेस उम्मीदवार राजकुमार अहीर को 48 हजार 45 वोट मिले थे. बीजेपी ने 4271 वोटों से जीत दर्ज की थी. जावद विधानसभा सीट से वीरेन्द्र कुमार सकलेचा लगातार चुने जाते रहे. 1956 में सकलेचा ने सबसे पहले जावद से चुनाव जीता था. 1962 और 1967 में वे तीसरी बार जनसंघ के टिकट पर जावद निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा के लिए चुने गए. 1977 में वे फिर इस सीट से चुनकर आए. 1978 में वीरेन्द्र कुमार सकलेचा जनता पार्टी की सरकार में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. हालांकि भ्रष्टाचार से जुड़े विवादों के चलते 1980 में उनसे इस्तीफा ले लिया गया. भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उनका राजनीतिक कॅरियर लगभग खत्म हो गया. वीरेन्द्र कुमार सकलेचा ने 1998 के विधानसभा चुनाव में जावद से अपना आखिरी चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के घनश्याम पाटीदार से 8893 वोटों से वे चुनाव हार गए. बाद में उनके बेटे ओम प्रकाश सकलेचा ने पिता की राजनीतिक जमीन को आगे बढ़ाया. वे इस सीट से 2003 से लगातार जीतते आ रहे हैं.

जावद विधानसभा सीट का 2018 का रिजल्ट

ये हैं जावद में जमीनी मुद्दे :जावद विधानसभा क्षेत्र अफीम और लहसुन की खेती के लिए जाना जाता है. यहां सीमेंट उद्योग हैं, लेकिन इसके बाद भी युवाओं में रोजगार को लेकर नाराजगी दिखाई देती है. यहां से लगातार चुने जाते रहे बीजेपी विधायक ओम प्रकाश सकलेचा सरकार में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री हैं, लेकिन सीमेंट के अलावा दूसरे उद्योग नहीं हैं. हालांकि मंत्री दावा करते हैं कि आने वाले समय में यहां कई छोटे-बड़े उद्योग दिखाई देंगे, हालांकि वादे कागजी ही हैं. क्षेत्र में स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्मय से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया गया है.

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ये कर रहे दावेदारी :आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी एक बार फिर ओमप्रकाश सकलेचा को चुनाव मैदान में उतार सकती है. वहीं, चुनाव के ठीक पहले सिंधिया के साथ पार्टी छोड़ने वाले समंदर पटेल ने कांग्रेस में वापसी की है. 2018 के चुनाव में समंदर पटेल ने बगावत कर मैदान में उतरे थे. माना जा रहा है कि पार्टी समंदर पटेल को चुनाव मैदान में उम्मीदवार बनाकर उतार सकती है. जावद के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहा धाकड़ समाज के 30 फीसदी वोर्टर्स निर्णायक भूमिका में रहते हैं. इसके अलावा 17 फीसदी आदिवासी वोटर हैं. यहां मतदाताओं की कुल संख्या 1 लाख 78 हजार 337 है. इसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 90 हजार 942 है, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 87 हजार 393 है. इसके अलावा 2 अन्य भी हैं. mp chunav 2023

जावद विधानसभा सीट के मतदाता

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