नीमच। जिले के मालखेड़ा गांव में मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों ने ग्राम पंचायत व मनरेगा के काम का विरोध शुरू कर दिया है. मनरेगा जॉब कार्डधारी मजदूरों का कहना है कि सरपंच और सचिव शासन की योजना का दुरुपयोग कर रहे हैं. मजदूरों को फिजूल के कामों पर लगाया जा रहा है. मजदूरों ने बताया कि सचिव उन्हें पथरीली जमीन खोदने के लिए कह रहे हैं. जबकि उस जमीन को खोदने का कोई मतलब नहीं है.
मनरेगा में काम कर रहे मजदूरों ने किया विरोध, सरपंच-सचिव पर लगा सरकारी रुपयो के दुरुपयोग का आरोप
जिले के मालखेड़ा में मनरेगा के तहत काम कर रहे मजदूरों ने सरपंच और सचिव पर शासन की योजना का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. मजदूरों का कहना है कि उन्हें बेवजह पथरीली जमीन खोदने के लिए कहा है, जो किसी काम की नही है.
मजदूरों ने बताया कि पंचायत में ढे़रों काम ऐसे हैं, जिसमे समय की बचत होगी और काम भी ज्यादा होगा, लेकिन पंचायत के कर्मचारी फिजूल के काम देकर समय, काम और शासन के रुपयों का गलत उपयोग कर रहे हैं. वहीं ग्राम पंचायत के सचिव प्रहलाद धाकड़ ने कहा कि मजदूरों को उनके अनुसार काम दिया गया है. मजदूरों के विरोध के बाद सचिव ने कहा कि उन्हें दूसरा काम दे दिया जाएगा. मजदूरों को तालाब के गहरीकरण का कार्य दिया गया था. जो मनरेगा योजना के अंतर्गत आता था, लेकिन मजदूरों के विरोध के बाद सचिव ने काम बदलने की बात कही है. फिलहाल 22 मजदूरों को काम दिया गया है. रोस्टर के अनुसार सभी को काम दिया जा रहा है.