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RTI के जरिए मांगी थी जानकारी, अब तक मिल चुके हैं 360 जवाब, वो भी अधूरा - RTI department

मध्यप्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता जिनेंद्र सुराना के लिए आरटीआई से मांगी गई जानकारी अब मुसीबत का सबब बन गई है. अगस्त महीने में एक सवाल का मांगा गया जवाब में 360 जवाब डाक विभाग से आये है. जवाबों का दौर अभी भी जारी है.

आरटीआई के जरिए मांगी थी जानकारी, अब तक मिल चुके हैं 360 जवाब

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Published : Oct 15, 2019, 5:08 PM IST

नीमच। सूचना का अधिकार कानून का इस्तेमाल करना मध्यप्रदेश के एक सामाजिक कार्यकर्ता एंव पत्रकार के लिए जी का जंजाल बन गया है. नीमच के निवासी जिनेंद्र सुराना ने ऑनलाइन आरटीआई (RTI) आवेदन देकर डाक विभाग से उसके परिसर और हाउसिंग कॉम्प्लेक्स के बारे में जानकारी मांगी थी. 7 अगस्त 2019 को मांगी गई जानकारी के बदले के सुराना को अब तक देश- प्रदेश के डाकघरों से 360 जवाब मिल चुके हैं. जवाबों का सिलसिला जारी हैं. डाक विभाग द्वारा भेजे गए जवाब का अंबार लगने पर सुराना ने विरोध जताया है.

आरटीआई के जरिए मांगी थी जानकारी, अब तक मिल चुके हैं 360 जवाब

उन्होंने इसे विभाग का गैरजिम्मेदाराना रुख बताते हुए कहा है कि जब ऑनलाइन जानकारी मांगी गई, तो फिर डाक के जरिए ये जवाब क्यों दिए जा रहे हैं. सामाजिक कार्यकर्ता जिनेंद्र सुराना का कहना है कि डाक विभाग के सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे मांगी गई जानकारी का जवाब अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों को दें. उसके बाद विभाग समेकित जवाब आवेदक को उपलब्ध कराए. अलग-अलग अधिकारियों की ओर से सभी जवाब भेजना गलत है.

सुराना ने बताया कि अभी तक प्रदेश के सिर्फ 25 से 30 जिलों के डिविजनल कार्यालयों से ही डाक विभाग की अचल संपत्ति की जानकारी दी गई है. इसमें भी आधी-अधूरी जानकारी ही है. उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार कानून का जो मकसद है, कई सरकारी विभाग अभी तक उसे समझ नहीं पाए हैं. इसलिए ऐसी गलतियां हो रही हैं, जिसका खामियाजा सूचना मांगने वाले व्यक्ति को उठाना पड़ता है.

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