नीमच। समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी के लिए बनाए उपार्जन केंद्रों में मिलीभगत का मामला सामने आया है. 25 अप्रैल से शुरू हुई गेहूं खरीदी में कोरोना महामारी के चलते एक दिन में महज केंद्र पर 20 से 21 किसानों को बुलाया जा रहा है. लॉकडाउन के चलते खरीदी केंद्र पर कम किसान होने के बावजूद किसान के साथ लूट कम होने का नाम नहीं ले रही है.
समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी केंद्र में किसानों के साथ धोखाधड़ी, सैंपल के नाम पर मांगते हैं इतना गेहूं - लॉकडाउन एमपी
25 अप्रैल से शुरू हुई गेहूं खरीदी में कोरोना महामारी के चलते एक दिन में महज केंद्र पर 20 से 21 किसानों को बुलाया जा रहा है. खरीदी केंद्र पर कम किसान होने के बावजूद उनके साथ धोखाधड़ी और लूट हो रही है.
![समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी केंद्र में किसानों के साथ धोखाधड़ी, सैंपल के नाम पर मांगते हैं इतना गेहूं Ask for so much wheat in the name of sample](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-7025662-thumbnail-3x2-img.jpg)
सैंपल के नाम पर मांगते हैं इतना गेहूं
सैंपल के नाम पर मांगते हैं इतना गेहूं
बता दें कि किसानों से सैंपल के नाम पर एक-एक किलो गेहूं दो बार लिए जा रहे हैं. वहीं तुलाई के दौरान 50 किलो 500 ग्राम की जगह 50 किलो 700 से 800 ग्राम गेहूं तौला जा रहा है. इतना ही नहीं जब किसान पर्ची मांगते हैं, तो उन्हें सर्वर डाउन होने का हवाला दिया जाता है.