नीमच। जिले में बरसात के दिनों में किसानों ने सोयाबीन, मक्का, उड़द जैसी फसलें बो रखी हैं, जिससे खेतों में खरपतवार ज्यादा होती है. खेती में किसानों की मेहनत कम करने के लिए मशीन बनाने वालों ने इस तरह की मशीन बना दी हैं, जो बड़े काम की साबित हो रही हैं. यह मशीनें किसानों को खरपतवार हटाने में मददगार साबित हो रही हैं.
खरपतवार से फसल को बचाने में जुटे किसान, बारिश होने का कर रहे इंतजार - खरपतवारों की रोकथाम
नीमच में किसानों की चिंता एक बार फिर बढ़ गई है. बोवनी के बाद पौध आ चुकी है लेकिन पानी की कमी के चलते किसान परेशान हैं. यदि पानी नहीं गिरा तो फसल चौपट हो जाएगी. वहीं खरपतवार से बचाने के लिए किसान देशी जुगाड़ का उपयोग कर रहे हैं.
खरपतवारों की रोकथाम से न केवल फसलों की पैदावार बढ़ाई जा सकती है, बल्कि उसमें मौजूद प्रोटीन और अन्य लाभकारी तत्व के साथ फसलों की गुणवत्ता में भी वृद्धि की जा सकती है. पहले खरपतवार को निंदाई करके निकाला जाता था, लेकिन आज के दौर में देशी जुगाड़ कर खरपतवार को निकाला जा रहा है.
मंहगे बीज और यूरिया के छिंड़काव के बाद किसानों को खेतों में पानी नहीं मिलने के चलते चिंता बढ़ गई है. इस बार पानी जरूरत से कम गिरा, जिससे किसान परेशान होते दिख रहे हैं. अगर कुछ दिन और पानी नहीं गिरा तो पानी के अभाव में फसल सूख जाएगी, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है.