नीमच।मध्य प्रदेश के मालवा सहित नीमच जिले अधिकांश किसानों के खेतों में इन दिनों 'काला सोना' अफीम की फसल तैयार हो रही है. उन्नतशील खेती के लिए अपनी अलग पहचान बनाने की ओर किसान जुटे हैं. वहीं फसल पर फूल और डोडा आते ही अफीम डोडा की चोरी होने की वारदात भी बढ़ जाती है, जिससे बचाने के लिए भी किसानों ने खेत पर जाली लगाने के साथ ही, सुरक्षा करने के लिए खेतों पर झोपडियां बना ली हैं. वे दिन-रात परिवार के साथ वहीं रहकर रखवाली कर रहे हैं. फसल खाद और पानी से किसान फसल को ऊर्जा दे रहे हैं. पोस्ते की फसल अच्छी है, मौसम ने साथ दिया तो पिछले वर्ष से अधिक पैदावार होगी.
काले सोने के नाम से पहचाना जाता है अफीम
मध्य प्रदेश के नीमच जिले में मनासा, जावद, जीरन, सिंगोली सहित कई अन्य गांव में केंद्रीय नारकोटिक्स विभाग ने किसानों को अफीम की खेती करने का लाइसेंस दे रखा है. अफीम की फसल को काला सोना की फसल भी कहा जाता है. गांव के अफीम की फसल का उत्पादन करने वाले किसान सुभाष का कहना है कि वर्तमान में फसल 60% तैयार हो चुकी अफीम फसल का काफी ध्यान रखना पड़ता है. बड़ी सावधानी से इसका दूध निकाला जाता है, जो बाद में काला सोना अफीम कहा जाता है. निराई के बाद पानी और हल्की खाद का प्रयोग होगा. उन्होंने बताया कि नीमच में सबसे अधिक अफीम की खेती होती है. मौसम ने साथ दिया तो फसल इस बार अच्छी होगी. जिले की प्रमुख फसल अफीम में अब फूल आना शुरू हो गए हैं और डोडा भी बनने लगे हैं.
गर्मी बढ़ने के साथ ही फसल पीली पड़ रही