नीमच। जिला चिकित्सालय में नाबालिग की एमएलसी करने की बात पर महिला डॉक्टर और सिविल सर्जन के बीच विवाद हो गया. महिला डॉक्टर सोफिया साबू ने कलेक्टर और पुलिस थाने में शिकायत करते हुए सिविल सर्जन पर अभद्रता करने के आरोप लगाए. वहीं दूसरी ओर सिविल सर्जन ने भी अपना पक्ष रखाा. पूरे घटनाक्रम के बाद महिला डॉक्टर सोफिया साबू पर सरकारी कार्य में बाधा डालने का मामला केंट थाने में दर्ज हुआ. जिसकी अब पुलिस जांच कर रही है.
महिला और गायनिक डॉक्टर को नोटिस:बताया जा रहा है कि एक नाबालिग की एमएलसी करना था, लेकिन 2 दिन से एमएलसी नहीं हो रही थी. जिस पर सीएमएचओ ने गायनिक डॉक्टर रमेश कदम व महिला चिकित्सक डॉ. सोफिया साबू को नोटिस दिया था. इस पर डॉ. सोफिया अपना पक्ष रखने सिविल सर्जन डॉ. एके मिश्रा के समक्ष पहुंची थी. लेकिन देखते ही देखते दोनों के बीच बहस शुरू हो गई. जिसके बाद महिला डॉक्टर थाने और कलेक्टर के पास गईं.
महिला डॉक्टर बोली-डॉक्टर नहीं करते काम: डॉक्टर सोफिया साबू ने बताया कि जितनी भी एमएलसी आती हैं, वह हम दोनों को करनी होती हैं. परंतु डॉक्टर कदम अधिकतर एमएलसी करने से मना कर देते हैं. उनका काम भी मुझे करना पड़ता है, ऐसा ही एक मामला बीती रात को आया, जिसमें एमएलसी करने के लिए मुझे छुट्टी के दिन भी बुलाया गया था. बस इसी बात को लेकर में सिविल सर्जन एके मिश्रा के पास पहुंची थी. मैंने उन्हें अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहा कि एमएलसी का कार्य डॉक्टर कदम का है. यहां तक कि डॉक्टर कदम अधिकतर कार्य मुझसे करवाते हैं. परंतु सिविल सर्जन एके मिश्रा मेरी कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं थे और बदतमीजी से पेश आते हुए मुझे चेंबर से बाहर जाने के लिए कहते रहे. जब मैंने इस बात का विरोध किया तो उन्होंने चिल्लाते हुए मुझे चेंबर से बाहर कर दिया.
एमएलसी को लेकर कोई बात नहीं-एके मिश्रा: सिविल सर्जन ने बताया कि 376 केस में एक नाबालिग कि एमएलसी आई थी. इसकी जांच ओर रिपोर्ट के लिए लेडी डॉक्टर होती है. जब सोफिया साबू को एमएलसी के लिए बुलाया गया तो वह डॉक्टर कदम पर कार्य नहीं करने का आरोप लगाते हुए मुझसे बहस करने लगीं. साथ ही अपने परिजनों के साथ अन्य लोगों को जिला चिकित्सालय में बुलवा लिया और हंगामा खड़ा कर दिया. जब उन्हें विवाद करने से रोका तो उनके परिजनों ने मेरे हाथ से मोबाइल छीन लिया. जिससे मेरे अंगूठे में चोट आई है.