नीमच। जिले के मनासा तहसील मुख्यालय से महज 6 किलो मीटर दूरी पर बसे जालीनेर गांव में करोड़ों के भ्रष्टाचार का मामला सामने आया हैं. ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों पर करीब 500 से अधिक ग्रामीणों के साथ धोखाधड़ी का आरोप हैं. ग्रामीणों को पता ही नहीं और पोस्ट ऑफिस में उनके नाम से खाते खोल दिए गए. मामले में नीमच कलेक्टर मयंक अग्रवाल का कहना है कि ग्रामीणों की शिकायत के बाद पूरा मामला संज्ञान में आया है, जिला पंचायत सीईओ को इस पूरे मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए.
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पूरी पंचायत में विकास के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार
गांव में विकास के नाम पर करोड़ों की सरकारी राशि का गबन हुआ है. ग्राम पंचायत के अधिकारियों ने पहले जालीनेर गांव के लोगों के नाम पर डाक घर में खाते खोले, फिर
500 से अधिक खातों में जॉबकार्ड के अंतर्गत मजदूरी के नाम पर रूपए जमा किए गए और वापस निकाल भी लिए गए. पंचायत का भ्रष्टाचार यहीं नहीं रूका, जॉबकार्ड में फर्जी नाम भी चढ़ाए गए. फर्जी तरीके से कहीं एक शख्स की दो पत्नियां बताई गई, कहीं फर्जी पुत्र और सभी खातों से रूपयों की निकासी कर ली गयी. एक ग्रामीण ने बताया कि उनके खाते से करीब 4 लाख रूपए निकाले गए हैं. इसी प्रकार किसी खाते से 50 हजार, तो किसी से 30 हजार निकाले गए. कुछ ग्रामीणों को इस भ्रष्टाचार की भनक मिली तो उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी निकलवाई तब जाकर पूरे भ्रष्टाचार का खेल उजागर हुआ. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद पंचायत मनासा, एसडीएम मनासा, जिला पंचायत नीमच, कलेक्टर और इलाके के विधायक से भी की, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल पंचायत सचिव को निलंबित किया गया है. जबकि गांववाले तमाम आला अधिकारियों पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप रहे हैं.