नीमच। जिले के जावद नगर के आबा साहब की घाटी पर करीब साढ़े तीन सौ साल पुरानी लाल और सफेद पत्थरों से बनी हवेली के पत्थर देखरेख के अभाव में गिर रहे हैं. मुख्य द्वार की तीसरी मंजिल से पत्थरों के गिरने का सिलसिला लगातार जारी है, आसपास के लोगों ने बताया कि इस हवेली में पिछले 100 सालों से कोई भी निवास नहीं करता है. लेकिन हवेली के सामने से रास्ता निकलता है, जहां से लोग हर समय गुजरते हैं.
रखरखाव के अभाव में गिर रहे सैकड़ों साल पुरानी हवेली के पत्थर! - पुरानी हवेली के गिर रहे पत्थर
जावद नगर के आबा साहब की घाटी पर साढ़े तीन सौ साल पुरानी पत्थरों से बनी हवेली के पत्थर गिरने लगे हैं. जिससे कभी भी कोई हादसा हो सकता है, लेकिन नगर परिषद इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है.
हवेली का एरिया काफी लंबाई-चौड़ाई में फैला है, इसके अंदर एक कुआं और कांच का कमरा भी बनाया गया था. हवेली पूरी तरह से खंडहर में बदल गई है, वहीं अलग-अलग तरह के भ्रम के कारण लोग इसमें जाने से कतराते हैं. बताया जाता है कि इस हवेली का निर्माण राजस्थान से आये एक व्यापारी परिवार ने करवाया था.
लोगों का कहना है कि पत्थर गिरने के संबंध में नगर परिषद अधिकारी को अवगत कराया गया था. हवेली के सामने आम रास्ता है, जिस पर लोगों का आवागमन रहता हैं, ऐसे में कभी भी कोई भी जानहानि हो सकती है. अधिकारियों ने बताया कि आज हवेली को दिखाया जाएगा, उसके बाद आगे का कोई निर्णय लिया जाएगा.