नरसिंहपुर: जिले में जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, वैसे ही स्वास्थ्य सुविधाएं भी चरमराती नजर आने लगी हैं. इसका उदाहरण गाडरवारा तहसील के सिहोरा गांव में देखने मिला. यहां कई दिनों से सड़क किनारे बीमार पड़े गरीब को स्थानीय युवा मजबूरी में हाथठेले में लिटाकर निजी अस्पताल इलाज कराने पहुंचे. इसके पहले वे लगातार तीन-चार दिन से 108 एंबुलेंस को सूचित कर रहे थे लेकिन वह नहीं पहुंची. न ही कोई जिम्मेदार अधिकारी ही गरीब की सुध लेने पहुंचा. खबर प्रकाशित होने के बाद आनन-फानन में स्वास्थ्य महकमे ने रविवार देर शाम मरीज को सरकारी अस्पताल पहुंचाया.
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घटनाक्रम ये है कि सिहोरा गांव में ओमप्रकाश मिश्रा नाम का व्यक्ति पिछले कई दिनों से बीमार चल रहा है. बेघर ओमप्रकाश सड़क किनारे से लंबे समय से बीमारी की हालत में रह रहा था. उसे बुखार के साथ-साथ उल्टी-दस्त की शिकायत थी. बताया जा रहा है कि इस शख्स के उचित इलाज के लिए स्थानीय लोगों ने कई बार गाडरवारा व चावरपाठा के अस्पताल को सूचित किया लेकिन किसी ने भर्ती करने में रुचि नहीं दिखाई. स्थानीय युवा पिछले तीन दिन से 108 पर डायल कर मरीज के बारे में सूचना दे रहे थे लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद स्थानीय लोगों ने मरीज को ठेले में ले जाकर अस्पताल पहुंचाया.
सिहोरा क्षेत्र चावरपाठा विकासखंड के अंतर्गत आता है. फिलहाल वहां पर किसी मरीज को हाथ ठेले पर स्वास्थ्य केंद्र लाने की जानकारी मेरे संज्ञान में नहीं आई है. जहां तक बात एंबुलेंस की है तो इसका कॉल सेंटर भोपाल में है. वहीं से ये सेवाएं संचालित होती हैं. इस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है.