नरसिंहपुर। जिले के सरकारी स्कूल के एक टीचर ने अनोखी मिसाल पेश की है. टीचर ने स्कूल में ही बुक बैंक बनाकर बच्चों के बस्ते के बोझ को कम कर दिया. शिक्षक की सराहनीय पहल से जिले के आलाधिकारी काफी प्रभावित हुए हैं. और जिले के दूसरे सरकारी स्कूलों में भी बुक बैंक को लागू करने की बात कह रहे हैं.
नरसिंहपुर के शिक्षक की पहल नरसिंहपुर के बौछार गांव के कन्या माध्यमिक स्कूल में कक्षा 6 से 8वीं तक की पढ़ाई होती है. स्कूल में बच्चों को भारी भरकम बैग उठाकर लाना पड़ता था. जिससे उन्हें परेशानी होती थी. लेकिन स्कूल के शिक्षक आनंद नेमा ने बच्चों के लिए स्कूल की हर क्लास में बुक बैंक बना दिया.
इस बुक बैंक में कोर्स की बुक के साथ-साथ जीके, कम्प्यूटर और अन्य कई किताबे रखी गई है. इस पहल की वजह से बच्चों को घर से किताबों का बोझ उठाकर नहीं लाना पड़ता है और बच्चे स्कूल में रखी किताबों से पढ़ने लगते हैं. इतना ही नहीं शिक्षक आनंद नेमा ने बिना सरकारी मदद से स्कूल में मॉडल क्लास के जरिए जनभागीदारी से एलसीडी टीवी लगवाई है जिसे बच्चे भी स्कूली शिक्षा के सामान्य ज्ञान और देश-दुनिया में होने वाली गतिविधियों के ज्ञान से भी अवगत कराया जा सके.
इस पर जिले के कलेक्टर ने भी सरकारी शिक्षक की इस मुहिम की काफी सराहना की है. कलेक्टर अब इस पैटर्न को जिले के दूसरे स्कूलों में भी लागू करने की बात कह रहे हैं. स्कूली छात्राएं भी शिक्षक की इस पहल से बेहद खुश हैं कि उन्हें बस्ते के बोझ से छुटकारा मिल गया है. उनका कहना है कि बेवजह के बोझ से उन्हें मुक्ति मिल गई है और मानसिक थकान के साथ-साथ शारीरिक थकान से भी छुटकारा मिलने लगा है.