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तय वक्त पर बद्रीनाथ मंदिर के कपाट नहीं खुलना अशुभ के संकेत : स्वरूपानंद सरस्वती

उत्तराखंड में भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तिथि बदलने पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि बद्रीनाथ के पट खुलने की तिथि में बदलाव अशुभ के संकेत है.

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Published : Apr 24, 2020, 1:05 PM IST

Statement by Swaroopanand Saraswati
स्वरूपानंद सरस्वती का बयान

नरसिंहपुर। कोरोना संकट के बीच उत्तराखंड में भगवान बद्रीनाथ के कपाट खोलने की तिथि को लेकर चल रहे विवाद पर शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती का बयान आया है. स्वरूपानंद सरस्वती का कहना है कि बद्रीनाथ के पट खुलने की तिथि के परिवर्तन की सूचना से आश्चर्य हुआ. स्वरूपानंद ने बताया कि बद्रीनाथ के पट खुलने की तिथि में बदलाव अशुभ के संकेत है.

स्वरूपानंद सरस्वती का बयान

शंकराचार्य का कहना है कि उत्तराखंड में भगवान बद्रीनाथ की पूजा रावल ही करें और पहले से जो तिथि निश्चित थी. उसी तिथि पर कपाट खोलना चाहिए. उनका कहना है कि सरकार तिथि बदलने की कोशिश न करे. उत्तराखंड के चारों धामों में जो पुरानी परंपरा चली आ रही है. उस परंपरा को सरकार बदलने की कोशिश न करे.

स्वरूपानंद सरस्वती का बयान

शंकराचार्य ने विश्व हिंदू परिषद पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि कुछ ऐसी संस्थाएं है जो हिंदूओं के नाम पर हिंदू परंपरा को नष्ट करना चाहती है. उसमें विश्व हिंदू परिषद भी है. हमने कई बार ऐसा सुना है कि ऐसे लोग चाहते हैं कि बद्रीनाथ की मूर्ति को 6 महीने हरीद्वार ले जाया जाए. इस तरह से अगर ऐसा हुआ तो हिंदुओं की आस्था क्षीण हो जाएगी.

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