नरसिंहपुर।आज के दौर में जब मजहब के नाम पर इतने विवाद सामने आते हैं, कई बार बड़ी दुर्घटनाएं का कारण बन जाते हैं. ऐसे में नरसिंहपुर जिले का एक गांव है, जहां की मिट्टी को मजहब का रंग ही नहीं मालूम. यहां क्या हिन्दू, क्या मुस्लिम सभी साथ मिल कर नवरात्रि का त्यौहार मनाते हैं. यहां इंसानियत के आगे धर्म,जाति, संप्रदाय सब छोटे लगते हैं.
नरसिंहपुर : इस गांव में दिखती है सामाजिक समरसता की झलक, जानिए कैसे - नरसिंहपुर
मौजूदा दौर में जहां समाज में कटुता बढ़ती जा रही है, वहीं नरसिंहपुर जिले का निवारीपान गांव जाति-धर्म के नाम पर बांटने की जगह इंसानियत का पाठ पढ़ा रहा है. यहां सभी धर्म, जाति, संप्रदाय के लोग एक साथ खड़े होकर मां की आराधना करते हैं और देश को शांति और भाईचारा का संदेश देते हैं.
ये झलक है निवारीपान गांव की जहां माता के नौ रूपों की स्थापना की गई है और ये मूर्तियों कहीं बाहर से नहीं मंगाई गईं बल्कि इन्हें आकार दिया है गांव के ही रहीम खान ने, रहीम पिछले 15 सालों से यहां स्थापित होने वाली माता रानी की प्रतिमा को आकार देते आ रहे हैं. इस काम में रहीम का साथ देते हैं केशव चौरसिया और राजू चौरसिया. ये पूरा काम इस समिति के लिए नि:शुल्क होता है. इतना ही नहीं यहां मोहर्रम में हिंदू सजदा करते हैं तो नवरात्र में मुस्लिम टोपी लगा कर माता रानी के दरबार में आराधना.
सालों से चली आ रही समरसता की इस परमंपरा को देखने के लिए आसपास के कई गांवों के लोग जुटते हैं. समिती के सदस्य सरताज खान बताते हैं कि ये परंपरा पिछले चालीस सालों से चली आ रहा है. यह सांप्रदायिक सौहार्द की वो अनूठी तस्वीर है जो देश के लिए एक सूत्र में पिरोने का पैगाम देती है.