नरसिंहपुर। सरकार द्वारा दावा किया जाता है कि लोगों की मांग के अनुसार शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में निर्माण कार्य कराये जा रहे हैंं और प्रत्येक व्यक्ति के आने जाने के लिए पक्की सड़क और आवश्यक स्थानों पर पुल का निर्माण भी कराया गया है, लेकिन नरसिंहपुर जिले की करेली जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत रीछई में पूरा मामला ही उल्टा नजर आता है. यहां निवास कर रहे लोगों द्वारा बीते दस सालों से प्रशासन से पुल बनाने की मांग करते आ रहे हैं लेकिन अब तक पुल नहीं बना तो ग्रामीणों ने खुद चंदा इकठ्ठा कर पुल का निर्माण शुरू कर दिया.
जिले में आज भी कई गांव ऐसे हैं जहां पर लोगों को आने-जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है और लोग कच्चे रास्तों से होकर अपने घर तक पहुंचते हैं. ऐसी स्थिति में लोगों को बरसात के दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. साथ ही स्कूली छात्रों को भी उसी दल-दल भरी सड़क से आना जाना पड़ता है.
जन प्रतिनिधियों ने नहीं दिया ध्यान
रीछई ग्राम पंचायत के लोगों द्वारा पुल निर्माण को लेकर अनेको बार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को लिखित व मौखिक रूप से अवगत कराया गया. पुल बनने की आस में दस साल से ज्यादा का समय बीत गया तब भी पुल का निर्माण ना हो सका तो ग्रामीणों द्वारा चंदा इकठ्ठा कर खुद सामग्री खरीदकर पुल का निर्माण शुरू कर दिया गया. निर्माण शुरू होने के बाद भी ना तो आश्वासन के लिए जनप्रतिनिधि पहुंचे और ना ही प्रशासनिक अधिकारी.
70 फीट है लंबाई
रीछई ग्राम पंचायत के खिरका मोहल्ला में आधे ग्राम पंचायतवासी निवास करते हैं और कई सालों से पुल या रपटा व डेम बनाने की मांग की जा रही थी पर प्रशासन व जनप्रतिनिधियों की अनदेखी के कारण निर्माण नहीं हो सका और ग्रामीणों द्वारा लगभग 70 फीट की लंबाई का पुल चंदा इक्कठा कर बनाना पड़ा. जिसकी चौड़ाई ग्रामीणों द्वारा 4 फीट दी गई है, जिसमें से केवल पैदल व दो पहिया वाहन ही निकाल सकता है.
दिनों दिन बढ़ रही थी परेशानी