नरसिंहपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च मोहाली के अनुसंधानकर्ता की टीम ने नरसिंहपुर में नर्मदा की तलछटी में 3000 साल से 3 लाख वर्ष पुराने जीवाश्म और पाषाण अवशेष की खोज की है, जो बेहद अहम मानी जा रही है. मोहाली से आए शोधकर्ता यहां आदिमानव की जीवनशैली और उनके पाषाण युग के शोध पिछले 6 माह से कर रहे हैं.
नर्मदा किनारे मिले आदिमानव के अवशेष, 3 हजार से 3 लाख साल पुराने हैं जीवाश्म - researchers
IISR की अन्वेषण टीम सिंघु घाटी और हड़प्पा की तरह ही नर्मदा घाटी सभ्यता की खोज कर रही है, जिसमें उसे बड़ी सफलता मिली है.

आदिमानव के अवशेष
आदिमानव के अवशेष
IISR की अन्वेषण टीम सिंघु घाटी और हड़प्पा की तरह ही नर्मदा घाटी की सभ्यता की खोज करने नरसिंहपुर आई हुई है. शोधकर्ता वैज्ञानिकों ने बताया कि नर्मदा घाटी सभ्यता लगभग लाख वर्ष पुरानी है, जो अब विलुप्त हो चुकी है. उन्होंने बताया कि आदि मानव नर्मदा किनारे रहते थे और नदी किनारे आदिमानव के औजारों के अवशेष मिलना इसका प्रमाण है. साथ ही लगभग 3 हजार साल पहले जो जलीय जीव और वन्यप्राणी विलुप्त हो चुके, उनके भी जीवाश्म मिले हैं.