नरसिंहपुर।लॉकडाउन के चलते गरीब मजदूरों के सामने रोजी- रोटी का संकट खड़ा हो गया है, जहां- तहां फंसे मजदूरों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि, वो दो-तीन महीने बैठकर जीवनयापन कर सकें. इसी मजबूरी ने इनके हौसले को तोड़ दिया है. बेसहारा मजदूरों ने घर पहुंचने के लिए हजारों किलोमीटर पैदल चलना शुरू कर दिया, इस दौरान रास्ते में इन्हें कई तरह की मुसीबते भी झेलनी पड़ रही है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
लॉकडाउन ने मजदूरों को हजारों किलोमीटर पैदल चलने पर किया मजबूर, कोई नहीं ले रहा सुध - forced to walk
लॉकडाउन में भारी संख्या में दिहाड़ी मजदूर जहां- तहां फंसे हैं, मजदूरों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि, वो दो-तीन महीने बैठकर जीवनयापन कर सकें. मजबूरी में उन्हें अपने घर पहुंचने के लिए हजारों किलोमीटर पैदल चलना पड़ रहा है, लेकिन सुध लेने वाला कोई नहीं है.
लॉकडाउन में गरीब मजदूर चार से पांच सौ किलोमीटर पैदल चलने के लिए मजबूर
एक ओर जहां मध्यप्रदेश सरकार कोटा में फंसे बच्चों को वापस लाने के लिए स्पेशल बस चला रही है, तो वहीं दूसरी तरफ इन मजदूरों की मजबूरी किसी को दिखाई नहीं पड़ रही है. हजारों किलोमीटर का सफर ये मजदूर अपने बच्चों को कंधे पर बिठाकर पैदल तय कर रहे हैं. इस संबंध में तहसीलदार पंकज मिश्रा का कहना है कि, शासन द्वारा जारी गाइनलाइन का पालन करते हुए जो भी मजदूर हैं उनके रखने और खाने की व्यवस्था की जा रही है.