नरसिंहपुर। एक तरफ किसान दिन-रात एक कर अनाज का उत्पादन करता है, दूसरी तरफ ढुलमुल रवैये के कारण वो अनाज मिट्टी में मिल रहा है. ऐसा ही हाल गाडरवारा कृषि उपज मंडी का है, जहां सैकड़ों क्विंटल धान खुले में पड़ा है, अब बारिश का पानी पड़ने से धान सड़ने लगा है. कृषि उपज मंडी में अव्यवस्थाएं देखने को मिल रही हैं, लेकिन प्रशासन आंख मूदे बैठा है और जिम्मेदार पल्ला झाड़ रहे हैं.
प्रबंधन की बेरुखी से अब बोरियों में खिल रहा धान, आंख मूदे बैठे जिम्मेदार - Paddy in Gadarwara Agricultural Produce Market
नरसिंपुर जिले के गाडरवारा कृषि उपज मंडी में रखा हजारों क्विंटल धान अव्यवस्थाओं के कारण बारिश मे खराब होने लगा है, फिर भी प्रशासन आंख मूदे बैठा है.
मंडी प्रबंधन की बेरुखी और रख-रखाव में कमी के कारण अनाज खुले में बिखरा पड़ा है. जहां पर मवेशी आकर इस अनाज को खा रहे है, अनाज को सुरक्षित रखने के नाम पर केवल खुली बोरियों पर सल्फास का छिड़काव किया गया है, जोकि आवारा मवेशियों के लिए भी खतरा साबित हो सकता है, क्योंकि जिस स्थान पर यह अनाज रखा है, वहां काफी मवेशी भी घूमते रहते हैं.
देश का किसान सूखा, अतिवृष्टि जैसी समस्याओं से जूझते हुए, जैसे तैसे अनाज उगाता है और अपनी खून पसीने की कमाई को अपने खेत खलिहान से सोसायटी और मंडियों तक पहुंचाता है कि इसका उपयोग देश के लिए किया जा सके, लेकिन सरकारी लापरवाही और प्रशासनिक हिलाहवाली से न सिर्फ किसान की मेहनत मिट्टी में मिल रही है, बल्की सरकार को भी लाखों का चूना लग रहा है, फिर भी जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं.