मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP High Court जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में विवाद मामले में उमरिया कलेक्टर को नोटिस, चार सप्ताह में जवाब मांगा - हाईकोर्ट चार सप्ताह में जवाब मांगा

जिला पंचायत अध्यक्ष उमरिया की प्रत्याशी सावित्री धुर्वे की शिकायत के बाद वहां के कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने दूसरे दिन स्वयं थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराई. इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में चुनौती दी गई. जस्टिस डीके पालीवाल की एकलपीठ ने उमरिया पुलिस थाना व कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को नोटिस (Notice to Umaria Collector) जारी कर चार सप्ताह में जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं.वहीं, एक अन्य मामले में हाईकोर्ट ने सीएम हेल्पलाइन नंबर की शिकायत वापस लेने के मामले में पुलिस विभाग के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर (Displeasure attitude of police department) की है. ये मामला नरसिंहपुर जिले का है.

MP High Court Notice to Umaria Collector
जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में विवाद मामले में उमरिया कलेक्टर को नोटिस

By

Published : Nov 24, 2022, 5:30 PM IST

जबलपुर। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया गया कि वह जिला पंचायत अध्यक्ष की प्रत्याशी थी. 29 जुलाई 2022 को अध्यक्ष के चुनाव में उन्हें तथा उनके प्रतिद्वन्दी को 5 - 5 मत प्राप्त हुए. इसलिए परिणाम के लिए लॉटरी डाली गई. आरोप है कि कलेक्टर ने सत्तारूढ़ दल के नेता के दबाव में पक्षपात करते हुए पर्ची बदल दी. इस पर याचिकाकर्ता तुरंत लिखित शिकायत प्रस्तुत की तथा कलेक्टर द्वारा याचिकाकर्ता के साथ अभ्रद व्यवहार किया गया. इसकी शिकायत पुलिस में की गई. पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई ना करने पर लिखित शिकायत एसपी उमरिया के समक्ष की गई.

कलेक्टर खुद पुलिस थाने पहुंचे :याचिका में कहा गया कि घटना के दूसरे दिन कलेक्टर ने व्यक्तिगत रूप से पुलिस थाना उमरिया में जाकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी. जिसे निरस्त करने हाईकोर्ट की शरण ली गई है. याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कलेक्टर ने दुर्भावनावश अपने खिलाफ की जा रही कार्रवाई से बचने के लिए अपने पद का दुरुपयोग करते हुए झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई है. क्योंकि चुनाव मामले में जिला निर्वाचन अधिकारी को व्यक्तिगत रूप से पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए जाना आवश्यक नहीं है.

याचिका में ये भी बताया :याचिका में यह भी कहा गया कि कलेक्टर अपने किसी मातहत कर्मचारी को अधिकृत कर एफआईआर दर्ज करा सकता है अथवा मौके पर उपस्थित एसपी एवं थाना प्रभारी को निर्देश देकर एफआईआर दर्ज करा सकता है, किंतु कलेक्टर का घटना के एक दिन बाद व्यक्तिगत रूप से पुलिस थाने में जाना यह प्रमाणित करता कि कलेक्टर ने दुर्भावनापूर्ण रिपोर्ट दर्ज कराई है. वह भी आवेदिका के रिपोर्ट दर्ज करने के बाद, जो काउंटर मामले की श्रेणी में आता है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा. हाई कोर्ट पुलिस के रवैये पर नाराज :मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सीएम हेल्पलाइन नंबर की शिकायत वापस लेने के मामले में पुलिस विभाग के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की है. मामले के अनुसार याचिकाकर्ता का जबरन मोबाइल जब्त कर उसके फोन से सीएम हेल्पलाइन की शिकायत वापस ले ली गई. याचिकाकर्ता ने सीएम हेल्पलाइन में नरसिंहपुर पुलिस की कार्यप्रणाली की शिकायत की थी. मामले पर सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने कहा कि तत्कालीन थाना प्रभारी अमित कुमार डांगी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने पद का दुरुपयोग करते हुए याचिकाकर्ता का मोबाइल जब्त किया. खुद अभिषेक के नाम से उसके ही मोबाइल से सीएम हेल्पलाइन में फोन कर शिकायत बंद करवा दी.

हाई कोर्ट पुलिस के रवैये पर नाराज नरसिंहपुर

MP High Court फॉरेस्ट विभाग में 50 लाख के घोटाले में कार्रवाई नहीं होने पर सागर लोकायुक्त SP को नोटिस जारी

मामले की अगली सुनवाई 16 दिसंबर को :नरसिंहपुर निवासी अभिषेक राय ने याचिका दायर कर बताया कि उसने राधेश्याम व राकेश का फर्जीवाड़ा उजागर करने तथा उनसे आवास योजना के लिए अवैध लाभ लेने के मामले में कलेक्टर को शिकायत की थी. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता आलोक वागरेचा व विशाल बघेल ने बताया कि इस मामले में सीईओ ने दोनों के खिलाफ रिकवरी भी निकाली थी. कोर्ट ने इस मामले में कोतवाली पुलिस थाने के तत्कालीन टीआई अमित कुमार डांगी, राकेश राय और राधेश्याम राय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई 16 दिसंबर को होगी।

ABOUT THE AUTHOR

...view details