नरसिंहपुर। आपने कभी सुना है कि थाने की कुर्सी को लेकर भी पुलिसवालों में दहशत हो सकती है. जिस पर बैठते ही थानेदार को सस्पेंड या लाइन अटैच होने का डर सताने लगता है. जी हां नरसिंहपुर जिले का गाडरवारा थाना ऐसा ही है, जहां लगातार बीते कुछ सालों में जो भी थानेदार आया उसे किसी न किसी वजह से कुर्सी से हाथ धोना पड़ा और खुद की वर्दी पर भी बदनामी का दाग झेलना पड़ा.
एमपी का एक ऐसा थाना जहां नहीं जाना चाहता कोई थाना प्रभारी, जानें क्यों
नरसिंहपुर जिले में एक थाना ऐसा भी है, जहां पर जाने वाला हर टीआई कुर्सी संभालते ही सस्पेंड या लाइनअटैच हो जाता है, इसलिए वहां कोई पदस्थ नहीं होना चाहता.
पुलिस विभाग के हर निरीक्षक की ये इच्छा होती है कि वो कभी किसी थाने का प्रभारी बने, लेकिन एमपी के नरसिंहपुर में एक ऐसा थाना है, जहां कोई भी थानेदार के रूप में पदस्थ नहीं होना चाहता है, क्योंकि यहां पर तैनात होने वाले हर टीआई के वर्दी पर किसी न किसी कारण दाग लग ही जाता है. पिछले डेढ़ साल के आंकड़ों को देखा जाए तो 17 मामले अवैध खनन, 2 बड़े घोटाले, 4 अपहरण, 9 हत्याएं, 11 महिला संबंधी अपराध और जुआ एक्ट के तहत 19 मामले दर्ज किए गए, लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं हो पाई है, क्योंकि यहां पर मौजूद टीआई किसी न किसी वजह से सस्पेंड हो जाता है.
इस मामले को लेकर एएसपी बताते हैं कि एक दर्जन से अधिक थाना प्रभारियों को लगातार हटाया गया है, हालांकि इसके पीछे वह इन प्रभारियों की कर्तव्यनिष्ठा में चूक होना बता रहे हैं, जिसके परिणाम स्वरूप उन्हें हटाया गया है और यही भय नरसिंहपुर में पदस्थ हर नगर निरीक्षक को सताता है कि कहीं उनके हिस्से में यह कांटों भरी कुर्सी न आ जाए.