MP Seat Scan Tendukheda: पिछले दो चुनाव में पार्टी बदली पर MLA नहीं, OBC बाहुल्य सीट पर ब्राह्मण विधायक का दबदबा, इस बार निर्दलीय बिगाड़ सकते हैं खेल
मध्यप्रदेश में चुनावी तेवरों के बीच शंखनाद का इंतजार है. इधर जहां भाजपा उम्मीदवारों की तीन सूचि जारी कर चुकी है, तो वहीं कांग्रेस उम्मीदवार टिकट का इंतजार कर रहे हैं. ऐसे में हम आज कांग्रेस के विधायक वाली सीट का विश्लेषण लेकर आए हैं. ये सीट मध्यप्रदेश की तेंदुखेड़ा विधानसभा है. यहां सबसे ज्यादा ओबीसी वोटर्स है, लेकिन वर्तमान में विधायक की कुर्सी ब्राह्मण जाति के विधायक के पास है. वे पिछले दो चुनाव से लगातार इस सीट पर काबिज हैं, और प्रदेश का चर्चित चेहरा हैं.
तेंदूखेड़ा। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के 3 महीने पहले ही भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दिया था. आमतौर पर चुनाव की तारीख नजदीक होने पर ही पार्टी अपनी पत्ते खोलती है. इस बार भाजपा ने तमाम अटकलें को विराम देते हुए तीन लिस्ट जारी की है. इसमें 79 उम्मीदवार शामिल हैं. हालांकि, इसमें तेंदूखेड़ा विधानसभा प्रत्याशी का नाम अभी तक भाजपा तय नही कर पाई. इधर कांग्रेस से संजय शर्मा विधायक उम्मीदवारी के प्रबल दावेदार हैं.
तेंदूखेड़ा विधानसभा में कुल कितने मतदाता
आपको बता दें, तेंदूखेड़ा विधायक संजय शर्मा ने 2008 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे थे. लेकिन हार का सामना करना पड़ा था. वे कांग्रेस प्रत्याशी राव उदय प्रताप सिंह से हार गए थे. इसके बाद उन्होंने 2013 में फिर बीजेपी से उम्मीदवारी हासिल की, और 2013 में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र डिमोले को हराकर जीत हासिल की. 2018 में भारतीय जनता पार्टी से टिकट न मिलने को लेकर कांग्रेस पार्टी में चले गए. यहां उन्होंने भाजपा प्रत्याशी विश्वनाथ सिंह पटेल को हराकर कांग्रेस पार्टी से जीत हासिल की. अब 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा फिर से पार्टी की तरफ से प्रबल दावेदार के तौर पर उम्मीदवारी का दंभ भर रहे हैं. बस पार्टी की तरफ से जारी लिस्ट का इंतजार है.
इस सीट पर कुल कितने मतदाता:इस सीट पर 1,69,662 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता 89,321 है, तो वहीं महिला मतदाता 80,297 है. इनके अलावा अन्य वोटर 4 हैं. 2018 के रिकॉर्ड की मानें तो पिछले चुनाव में अन्य वोटर्स ने वोट नहीं डाला था. वहीं, पुरुष मतदाताओं में 76,142 वोट पड़े थे, जो कुल पुरुष मतदाता का 85.25% वोट था. वहीं, महिला मतदाताओं के वोट की बात करें तो, 63,879 वोट पड़े थे, जो कुल वोटर्स का 79.55% प्रतिशत था. पिछले मुकाबले में वोट टर्नआउट करीबन 82.31% के आसपास रहा था.
तेंदूखेड़ा विधानसभा में कुल कितने मतदाता
क्या हैं इलाके के राजनीतिक समीकरण:सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस बार भाजपा नर्मदा पुरम सांसद राव उदय प्रताप सिंह को भाजपा पार्टी से उतारना चाहती थी, लेकिन गाडरवारा विधानसभा सीट टिकट क्लियर होने के कारण अब संजय शर्मा की विरोध में कोई बड़ा प्रत्याशी लाने के लिए भाजपा मंथन कर रही है. इधर, विश्वनाथ सिंह पटेल, भाजपा जिला अध्यक्ष अभिलाष मिश्रा, भैयाराम पटेल (पूर्व विधायक), दर्शन सिंह पटेल टिकट की दौड़ में चल रहे हैं. अब देखना होगा कि भाजपा स्थानीय नेता को चुनावी घमासान में उतरती है या बाहर से कोई बड़े नेता को लाकर बीजेपी संजय शर्मा की विरोध में उतारेगी.
इधर, जनता में कांग्रेस प्रत्याशी संजय शर्मा की अच्छी साख है. वे जनता के बीच नजर आते हैं. उन्होंने जनसुनवाई कर इलाके के लोगों की समस्याओं का निराकरण किया है. इसको लेकर कांग्रेस विधायक संजय शर्मा आज अपनी जीत के लिए भरोसा जताते हैं. जबकि, भाजपा ने अभी अपने अधिकृत प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है.
लेकिन इस बार माना जा रहा है, कि सीट का सियासी समीकरण निर्दलीय प्रत्याशी बिगाड़ सकते हैं. क्षेत्र के विकास में कई निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में उतरने की मौके में है. इससे भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों को दो गुना मेहनत करनी पड़ सकती है.
जातीय समीकरण: इस सीट पर बनने वाले जातीय समीकरण पर बात की जाए तो यहां लगभग 45 हजार से ज्यादा लोधी वोटर्स हैं, तो वहीं 39 हजार आदिवासी हैं. इनमें 35 हजार अनुसूचित जाति और जनताजित के लोग हैं. 20 हजार यादव समाज का वोट बैंक है, साथ ही 20 हजार सामान्य और अन्य हैं. इन समीकरणों को और गहराई से आंकलन करें तो एससी-5% हैं, तो ST-3% हैं, वहीं अन्य समाज 7% हिस्सेदारी रखता है. इसके अलावा ब्राह्मण 15% हैं. यहां सबसे ज्यादा ओबीसी समाज के वोटर्स हैं. इनका प्रतिशत करीबन 75% है.
तेंदूखेड़ा विधानसभा में जातीय समीकरण
पिछले तीन चुनाव में क्या रही स्थिति:यहां अगर पिछले तीन चुनावों की बात की जाए तो यहां से दो बार संजय शर्मा चुनाव जीते हैं, तो उन्हें 2018 में हार का सामना करना पड़ा था. साल 2018 में हुए चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर उम्मीदवारी की थी. इसमें संजय शर्मा को कुल 70,127 वोट मिले थे. जो कुल वोटिंग का 50% हिस्सा था. दूसरे नंबर पर बीजेपी के विश्वनाथ सिंह रहे थे. इन्हें 61,484 वोट मिले थे. जो कुल वोटिंग का 40 प्रतिशत था. यानि जीत का अंतर महज दस प्रतिशत रहा था, जो वोट के हिसाब से कुल 8,643 मत का रहा था. वहीं, 2013 में भी संजय शर्मा यहां से विधायक बने. उस वक्त उन्होंने बीजेपी से टिकट हासिल किया था. इसमें उन्होंने कुल 81,938 वोट मिले थे, जो कुल 65% प्रतिशत हिस्सा था. वहीं, कांग्रेस के सुरेंद्र धिमोले को 37,336 वोट मिले थे, जो 30% हिस्सा था. यानि इस चुनाव में संजय शर्मा ने भारी मतों से जीत हासिल की थी. जीत का अंतर 44,602 यानि दूसरे नंबर के उम्मीदवार को मिले वोट से भी ज्यादा था.
तेंदूखेड़ा विधानसभा के पिछले तीन चुनाव
हालांकि, 2008 में पहली बार चुनावी मैदान में उतरे संजय शर्मा बीजेपी से उम्मीदवार थे. उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. इस चुनाव में कांग्रेस के राव उदय प्रताप सिंह जीते थे. उन्हें कुल 44,435 वोट मिले थे. ये कुल वोटिंग का 42% हिस्सा था. इस चुनाव में संजय शर्मा को अच्छी खासी बढ़त मिली थी, और उनकी हार का अंतर भी काफी कम था. इस चुनाव में उन्हें 37,810 वोट मिले थे. ये कुल वोटिंग का 36 प्रतिशत था. इस चुनाव में जीत हार का अंतर 6,625 रहा था. इस सीट पर होने वाले विधानसभा चुनाव हमेशा कांटे की टक्कर का ही माना जाता रहा है.