नरसिंहपुर।मंडी कर्मचारी 25 सितंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. जब तक उनकी मांगें नहीं होंगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी. कर्मचारियों का कहना है कि केंद्र शासन द्वारा जारी कृषक अध्यादेश में पारित कानून के तहत मंडी कर्मचारियों को वेतन एवं भत्ते पेंशन का संकट खड़ा हो गया है, जिसके तहत दूसरे चरण की हड़ताल में आज गोटेगांव मंडी प्रांगण में समस्त कर्मचारी धरने पर बैठे हैं. इस हड़ताल में क्षेत्र के कृषक प्रतिनिधि एवं तुलावाटी संघ पेंशन कर्मचारी संघ ने भी मंडी सत्याग्रह हड़ताल का समर्थन किया है.
हड़ताल पर बैठे मंडी कर्मचारी, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी - Opposition Model Market Act
कृषि विधेयकों और मॉडल मंडी एक्ट के विरोध में नरसिंहपुर गोटेगांव के मंडी कर्मचारी हड़ताल पर बैठे, जिसका समर्थन क्षेत्र के कृषक प्रतिनिधि एवं तुलावाटी संघ पेंशन कर्मचारी संघ ने किया.
![हड़ताल पर बैठे मंडी कर्मचारी, उग्र आंदोलन की दी चेतावनी Mandi employees on strike in Gotegaon Narsinghpur](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-8951159-thumbnail-3x2-img.jpg)
कर्मचारियों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होती तब तक कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे. कर्मचारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार तीन कृषि बिल लेकर आई है, जिसमें मंडी खत्म कर बड़े-बड़े कारपोरेट कंपनियों को सीधे गांवों की फसल खरीदने की छूट दी गई है. इससे किसान की फसल कम दामों पर खरीदी जाएगी. इसके बाद भी कोई गारंटी नहीं है की इसका भुगतान समय पर किया जाएगा.
कर्मचारियों की प्रमुख मांग है यह है कि हमारे वेतन भत्ते ट्रेजरी से हो और मंडी कर्मचारियों को शासन का कर्मचारी घोषित किया जाए. कर्मचारियों ने प्रशासन एवं शासन को अवगत कराते हुए एक रैली निकाली जिसमें सरकार को चेतावनी दी गई की अगर जल्द उनकी मांग नहीं मानी गई तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा और आमरण अनशन शुरू किया जाएगा.