नरसिंहपुर।बरसात के मौसम में नमी और दीमक के चलते महत्वपूर्ण शासकीय दस्तावेजों के जर्जर और नष्ट होने की आशंका हमेशा बनी रहती है. यहीं वजह है कि दस्तावेजों को पारम्परिक तौर पर कपड़ों में बांधकर उस पर स्थान का नाम लिखकर रखा जाता है. वहीं जिला मुख्यालय पर कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में भी कुछ इसी तरह से दस्तावेजों को रखा गया था. दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के इस पारंपरिक तरीके में बदलाव के लिए कलेक्टर दीपक सक्सेना ने अनूठी पहल की है. उन्होंने राजस्व विभाग के तहत विभिन्न शासकीय दस्तावेजों जैसे भू-अर्जन, खसरा, मिसल बंदोबस्त, अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, संशोधन पंजी, किस्त बंदी, जाति प्रमाण पत्र, नजूल प्रकरण, इंदिरा आवास पट्टे, राजस्व प्रकरण को पहले पॉलीथिन के अंदर रखवाया. इसके बाद इन दस्तावेजों को व्यवस्थित रूप से प्लास्टिक के डिब्बों में रखा गया है.
कलेक्टर की अनूठी पहल, अब शासकीय दस्तावेज रहेंगे पूरी तरह सुरक्षित - कलेक्टर दीपक सक्सेना
शासकीय कार्यालयों में दस्तावेज पूरी तरह से सुरक्षित रहेंगे, जिसकी अनूठी पहल कलेक्टर दीपक सक्सेना द्वारा की गई है. शासकीय दस्तावेजों को पहले पॉलीथिन के अंदर रखवाया गया. इसके बाद सभी को व्यवस्थित रूप से प्लास्टिक के डिब्बों में रखा गया है.
डिब्बों में रखे गए ये सभी दस्तावेज अलग-अलग रखे हैं. अभिलेखागार में ड्यूटी कर रहे कर्मचारी बताते हैं कि अब इन सभी दस्तावेजों को सुरक्षित रखा जा रहा है. पहले इनमें दीमक लगने और बरसात के पानी की वजह से खराब होने की आशंका बनी रहती थी. कलेक्टर दीपक सक्सेना की इस अनूठी पहल से दस्तावेजों को सुरक्षित रखना अब आसान हो गया है.
कलेक्ट्रेट के अभिलेखागार में रिकॉर्ड कीपर राजबहादुर राजपूत, भृत्य शकील खान, कुंजीलाल चौधरी, परसराम ठाकुर, हरिशंकर जोशी, संतोष शाह, नारायण पटैल, हेल्पर भीम सिंह महोबिया और सुखनंदन वर्मा की दिन रात मेहनत के बाद यह संभव हो पाया है. अभिलेखागार के कर्मचारियों ने बताया कि दस्तावेजों को सुरक्षित रखने का काम लॉकडाउन के पहले ही शुरू किया गया था. लॉकडाउन के दौरान इस कार्य की गति में कुछ कमी आई थी, लेकिन अब यह काम तेजी से फिर से शुरू हो गया है.