नरसिंहपुर। यूपी के हाथरस और बलरामपुर की घटना से देश अभी उभर भी नहीं पाया था कि मध्यप्रदेश के सतना-खरगोन, जबलपुर और नरसिंहपुर से भी अनुसूचित जाति की महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला सामने आ गया. मामला नरसिंहपुर के चीचली थाना अंतर्गत एक गांव का है. जानकारी के मुताबिक गैंगरेप की घटना 28 सितंबर की है, लेकिन ये मामला तब सामने आया, जब रेप पीड़िता ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वारदात के बाद पीड़िता और उसका परिवार अपनी फरियाद लेकर पुलिस थाने पहुंचे तो उनकी शिकायत तक दर्ज नहीं की गयी. उलटा पुलिस वालों ने उन्हें परेशान किया.
पीड़ित परिवार ने चीचली थाने की पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो चीचली थाने पहुंचे तो थाना प्रभारी ने शिकायत लिखने की बजाय उल्टा फरियादी को ही गाली गलौज कर थाने में रातभर बंद रखा और सुबह दो हजार की रिश्वत लेकर उसे छोड़ दिया. जिससे पीड़िता बहुत व्यथित हो गई. जिसके बाद पीड़िता ने आत्महत्या कर ली. पीड़िता की आत्महत्या के बाद पुलिस हरकत में आई और 5 लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म और लोगों पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया. इस मामले में आज सुबह तक एक महिला सहित 4 युवकों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
जानिए पूरा मामला-
मृतका के पति ने गाडरवारा के एसडीओपी सीताराम यादव को बताया कि उसकी पत्नी 28 सितंबर को गांव में खेत पर चारा काटने गई थी. जहां पर परसू, गुड्डा और अनिल नाम के तीन लोगों ने उसके साथ गैंगरेप किया. शाम को घर आने पर पीड़िता ने ये बात परिजनों को बताई. इसके बाद सभी रात को ही गोटीटोरिया पुलिस चौकी पहुंचे, जहां उनसे आवेदन लेकर सुबह मेडिकल कराने की बात कही गई.
पीड़ित परिवार का आरोप है कि जब दूसरे दिन 29 सितंबर को वे चौकी पहुंचे तो उनकी रिपोर्ट नहीं लिखी गई. 30 सितंबर को वे चीचली थाना पहुंचे, जहां उनकी फरियाद सुनने के बजाय पुलिसकर्मियों ने महिला के पति और जेठ को ही लॉकअप में बंद कर दिया, जबकि पीड़िता के साथ भी गालीगलौच की गई. आरोप है कि महिला के परिजन को छोड़ने के एवज में पुलिस ने उनसे पैसे भी लिए. इस व्यवहार से परेशान होकर महिला ने 2 अक्टूबर की सुबह घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.