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कमलनाथ सरकार ने किसानों का खून चूसा है- जालम सिंह पटेल - किसान आक्रोश आंदोलन

नरसिंहपुर जिले में पूर्व मंत्री व स्थानीय विधायक जालम सिंह पटेल ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ अनिश्चितकालीन किसान आक्रोश आंदोलन शुरू कर दिया है, उन्होंने प्रदेश सरकार पर किसानों का खून चूसने का आरोप लगाया है.

former minister jalam singh patel targeted kamal nath government in narsinghpur
पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल

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Published : Dec 11, 2019, 1:02 PM IST

नरसिंहपुर। जिले के किसानों की समस्याओं को लेकर पूर्व मंत्री व स्थानीय विधायक जालम सिंह पटेल ने प्रदेश की कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ विधायक पटेल ने अनिश्चितकालीन किसान आक्रोश आंदोलन शुरू कर दिया है. ये प्रदर्शन शहर के जनपद पंचायत मैदान में किया गया.

पूर्व मंत्री ने कमलनाथ सरकार पर साधा निशाना

गन्ना किसानों की हालत खराब

पूर्व मंत्री जालम सिंह पटेल ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए बताया कि, 'जिले में प्रदेश का 50 फीसदी गन्ना उगाया जाता है. बावजूद किसानों को उनकी फसल का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. प्रदेश में बीजेपी सरकार थी, तब किसानों से 350 रुपए प्रति क्विंटल गन्ना खरीदा जाता था. जिसे अब कमलनाथ सरकार ने 250 रुपए प्रति क्विंटल कर दिया है. पूर्व मंत्री ने सीएम कमलनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि 1 साल पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने नरसिंहपुर के किसानों से वादा किया था कि, गन्ना 350 रुपए प्रति क्विंटल के रेट पर खरीदा जाएगा. साथ ही 50 रुपए प्रति क्विंटल बोनस देंगे. लेकिन सीएम का ये वादा झूठा साबित हुआ'.

नहीं हुई कर्ज माफी

किसान कर्ज माफी पर जालम सिंह पटेल ने कहा कि 'जिले के एक भी किसान का 2 लाख तक का कर्ज माफ नहीं हुआ है. इसके अलावा मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी विकास परिषद नहीं बनाई गई.उड़द,मूंग,चना और खरीफ की फसलों का समर्थन मूल्य आज तक किसानों को नहीं मिल पाया. जिले की सहकारी समितियों को भुगतान नहीं किया जा रहा है. किसानों को मनमाने बिजली के बिल दिए जा रहे हैं. लेकिन सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है'.

उग्र आंदोलन की चेतावनी

जालम सिंह ने कहा कांग्रेस सरकार को 11 दिसंबर 2019 को एक साल पूरा हो रहा है. ये वही दिन है जिस दिन किसानों का खून चूसने वाली सरकार की आधारशिला रखी गई थी. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार ने उनकी बात नहीं मानीं, तो उग्र आंदोलन होगा. जगह-जगह रेल रोको और चक्काजाम किया जाएगा.

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