नरसिंहपुर।जिले में रमजान का 30वां रोजा रविवार को राजेदारों ने मुकम्मल किया. इसके साथ ही ईद के चांद का दीदार होकर देशभर में सोमवार को ईद उल फितर का त्यौहार मनाया गया. मुस्लिम भाइयों के लिए ईद उल फितर का त्योहार सबसे बड़ा त्योहार होता है, जो रमजान के 1 महीने पूर्ण होने के बाद मनाया जाता है. ईद का त्योहार रमजान के 29 या 30 रोजे रखने के बाद चांद देखकर मनाया जाता है.
ईद का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते सभी अपने-अपने घरों में ही इस पर्व को मनाते हुए नजर आए. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक साल में सबसे पहले जो ईद आती है इसे ईद उल फितर कहते हैं, जिसे मिठाई, सेवइयों वाली ईद भी कहा जाता है.
ईद उल फितर को मीठी ईद भी कहते हैं, क्योंकि रोजों के बाद अल्ल्लाह की तरफ से रोजेदारों को ये एक तोहफा होता है. जिसमें पहली चीज का सेवइयों का सेवन किया जाता है. मिठाइयों के लेन-देन, सेवइयां और शीर खुरमा के कारण ही इसे मीठी ईद कहा जाता है.