नरसिंहपुर। प्रदेश की कमलनाथ सरकार भले ही किसानों के 2 लाख तक का कर्ज माफ कर अपना वचन पूरा करने की बात कह रही है, लेकिन कर्ज माफी का जो फार्मूला सरकार ने अपनाया है उससे प्रदेशभर की सहकारी समितियों पर आर्थिक संकट के साथ-साथ उनके अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है.
दरअसल कर्ज़ माफी के नाम पर खेल खेलते हुए सरकार ने कर्ज़ की रकम में से 50 प्रतिशत राशि समितियों द्वारा वहन करने की अनिवार्यता रख दी है. यानी किसानों की संचय निधि से ही कर्जमाफी होगी. ऐसे हाल में जय किसान ऋण माफी योजना न केवल छलावा साबित हो रही है, बल्कि आने वाले दिनों में सहकारी समितियों के माध्यम से मिलने वाले खाद, बीज से भी किसान वंचित हो सकते हैं.कर्जमाफी के लिए जो प्रदेश सरकार ने सहकारी समितियों को जो प्रस्ताव या यूं कहें आदेश भेजा है उसे लेकर नरसिंहपुर विधायक ने प्रदेश के सहकारिता आयुक्त के सहकारी विभाग को जारी आदेश को सरकार का बड़ा छलावा बताते हुए इसे किसान विरोधी बताया और सहकारी समितियों को खत्म करने वाला, क्योंकि कर्जमाफी के लिए 50 प्रतिशत की राशि सहकारी बैंक वहन करेंगे.