नरसिंहपुर। रक्तदान से इंसानों की जिंदगी बचाने के मामले तो आपने पहले भी सुने होंगे लेकिन क्या आपने कभी जानवरों को भी रक्तदान करते एक दूसरे की जान बचाते हुए सुना है. जी हां, ऐसा ही कुछ नरसिंहपुर से लगे रौंसरा गांव में सामने आया है. जहां जर्मन शेफर्ड नस्ल के 'जिमी' कुत्ते की उसके नस्ल के दूसरे कुत्ते 'लियो' ने रक्तदान करके जान बचाई है.
एनीमिक डॉग जर्मन शेफर्ड की दूसरे डॉग ने रक्तदान कर बचाई जान यह सब दो निजी पशु चिकित्सकों की देखरेख में किया गया, जिससे अब न केवल रक्तदाता 'लियो' डॉग स्वस्थ है, बल्कि जिमी की कमजोरी भी दूर हो रही है. पशु धन संजीवनी केंद्र के डॉक्टर संजय मांझी ने बताया कि ब्लड डोनेट करने वाला डॉग स्वस्थ्य है. यह हमारे लिए प्रेरणा स्रोत्र है, कि ब्लड डोनेट करने से कोई नुकसान नहीं होता.
रौंसरा निवासी वंदना जाटव के 6 वर्षीय जर्मन शेफर्ड नस्ल का डॉग करीब एक महीने से बीमार था. जिसकी वहज से वह काफी कमजोर हो गया था. पशु चिकित्सकों को दिखाया गया तो उन्होंने रक्त लेने की सालह दी. जिसके बाद डॉग की मालिक वंदना जाटव ने जिमी के लिए ब्लड की व्यवस्था करने के प्रयास किए. इसकी जानकारी जब पास के ही गांव में रहने वाले किसान महेंद्र प्रताप सिंह को हुई, तो उन्होंने अपने कुत्ते के साथ क्लीनिक पहुंच कर रक्तदान में मदद की. जहां 'जिमी' के लिए 'लियो' ने ब्लड डोनेट किया.
ब्लड चढ़ाने के बाद फिलहाल दोनों कुत्ते स्वस्थ हैं. 'लियो' ने रक्तदान करके न सिर्फ 'जिमी' की जान बचाई बल्कि एक पशु ने इंसानों के लिए भी बहुत बड़ा संदेश दिया है, कि रक्तदान करें और जरूरत मंदों की मदद करें