नरसिंहपुर। कोरोना वायरस से प्रभावित मरीजों की संख्या बढ़ने पर इससे निपटने के लिए गठित जिला आपदा प्रबंधन समिति की बैठक की गई. बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा कहा गया कि अन्य राज्यों और रेड जोन वाले जिलों से नरसिंहपुर में आये व्यक्तियों जिनको होम क्वारेंटाइन किया गया है, उनके द्वारा क्वारेंटाइन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है. वो अपने घरों के बाहर घूम रहे हैं, बाजारों में जा रहे हैं, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे व्यक्ति अगर बाजार में निकलते हैं, तो किसी को यह जानकारी नहीं होती कि वह व्यक्ति बाहर से जिले में आया है एवं होम क्वारेंटाइन किया गया है. इसकी पहचान के लिए होम क्वारेंटाइन किये व्यक्ति के अंगूठे पर अमिट स्याही लगाई जा सकती है. समिति द्वारा उक्त प्रस्ताव को शासन के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्णय लिया गया. साथ ही इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहा गया.
बैठक में सांसद कैलाश सोनी और राव उदय प्रताप सिंह, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और गोटेगांव विधायक नर्मदा प्रसाद प्रजापति और अन्य जनप्रतिनिधि के साथ प्रशासन के आला अधिकारी मौजूद थे. कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार अब जिले में प्रवेश करने के लिए ई-पास की आवश्यकता नहीं है. इस कड़ी में काफी लोगों का प्रवेश हो रहा है, जिससे चेक पोस्ट पर तैनात ड्यूटीरत कर्मचारियों को परेशानी उठानी पड़ती है, क्योंकि उक्त व्यक्ति द्वारा स्थानीय प्रशासन का सहयोग नहीं किया जाता है. इसके लिए सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिले की सीमाओं पर स्थापित चेक पोस्ट पर पूर्व के जैसी ही सख्ती रहे. सारे दस्तावेजों का निरीक्षण हो, इसके बाद ही प्रवेश दिया जाये.
थर्मल स्केनर से की जाए जांच
जनप्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि थर्मल स्केनर द्वारा व्यक्तियों की जांच की जा सकती है. इसके लिए प्रशासन यह निर्धारित कर लें कि थर्मल स्कैनर को कहां स्थापित किया जाये. थर्मल स्केनर के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा सहयोग स्वरूप राशि प्रदान करने की हामी दी गईय
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