नरसिंहपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य सुविधाओं की पोल खोलती तस्वीर नरसिंहपुर की तेन्दूखेड़ा के डोभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की है. इस स्वास्थ्य केंद्र पर अक्सर ताला लटकता रहता है. डॉक्टरों की मनमानी के चलते 10 गांवों के मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. हालात ये हैं कि स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ कंपाउंडर अपने आप को एमबीबीएस तक बता रहा है.
अजब एमपी का गजब अस्पताल! MBBS बनकर कंपाउंडर कर रहा मरीजों का इलाज - tendukheda news
नरसिंहपुर जिले के एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों की मनमानी का खामियाजा वहां की जनता भुगत रही है और वहां पदस्थ कंपाउंडर खुद को एमबीबीएस बताकर मरीजों का इलाज कर रहा है.
सात हजार की आबादी वाले डोभी कस्बे के स्वास्थ्य केंद्र में दस गांव के लोग इलाज कराने आते हैं, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते 12 किलोमीटर दूर तेंदूखेड़ा के स्वास्थ्य केंद्र में जाना पड़ता है. स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ डॉक्टर राजकिशोर पटेल ने रोगी कल्याण समिति के सहयोग से तीन कर्मचारियों को अस्पताल खोलने और बंद करने के लिए नियुक्त किया है. स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ कंपाउंडर नरेन्द्र सिंह ठाकुर डॉक्टर की अनुस्थिति में खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताता है. डॉक्टरों की सुविधानुसार 9 बजे अस्पताल खुलता है और दोपहर 12 बजे ताला डाल देते हैं.
इस मामले को लेकर जब जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई तो जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिये, अब देखना होगा कि इन डॉक्टरों की लापरवाही से कब तक स्थानीय लोगों को निजात मिलती है.