नरसिंहपुर। मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वसहायता समूहों की गतिविधियों की समीक्षा कलेक्टर वेद प्रकाश ने बैठक के माध्यम से ली है. कलेक्टर ने कहा कि जिले में आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूह की महिलाओं के हाथों से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाये जाएं. इन उत्पादों की विशेष पहचान बने और इन्हें बाजार उपलब्ध कराने हेतु प्रयास किये जाएं. स्व-सहायता समूहों के उत्पादों को निश्चित ब्रांड नेम दिया जाए. शासकीय सेवकों को इन उत्पादों को खरीदने के लिए प्रेरित किया जाये, इसका प्रचार-प्रसार हो.
स्वसहायता समूहों की गतिविधियों की कलेक्टर ने की समीक्षा बैठक में स्व-सहायता समूहों द्वारा संचालित सेनेटरी नेपकिन निर्माण इकाई स्थापित करने पर चर्चा हुई है. इसके लिए समूहों का चयन कर सेनेटरी नेपकिन निर्माण एवं मार्केटिंग का प्रशिक्षण देने का सुझाव दिया गया है. निर्देशित किया गया कि स्वसहायता समूहों द्वारा बनाई जाने वाली सेनेटरी नेपकिन की गुणवत्ता की जांच के लिए एक प्रमाणीकरण एजेंसी का चयन किया जाये.
कलेक्टर ने जैविक खेती को जिले में बढ़ावा देने के लिए स्व-सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा केचुआ खाद तैयार करने की कार्य योजना बनाई जाए इसके लिए कृषि एवं उद्यानिकी विभाग को आवश्यक निर्देश दिये गये हैं. समूह के उत्पादों को बाजार से जोड़ने के लिए जिले में मार्केटिंग एवं आईटी का समन्वित प्लेटफार्म तैयार करने के बारे में चर्चा की गई.
कलेक्टर ने स्व-सहायता समूहों के लेन-देन का ब्यौरा व्यवस्थित रूप से करने पर जोर दिया. इसके लिए डाटा एंट्री ऑपरेटर एवं एकाउंटेंट को प्रशिक्षित कर नियुक्त करने के निर्देश दिये गये हैं, पंचायत स्तर पर महिलाओं को कम्प्यूटर एवं एकाउंटिंग का प्रशिक्षण देने की बात कही गई है. उन्होंने स्व-सहायता समूहों के सभी कार्यों के सुचारू क्रियान्वयन के लिए जिला स्तर पर एक समन्वय समिति बनाकर कार्य योजना का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने की बात कही है. प्रत्येक चयन गतिविधि के लिए एक नोडल अधिकारी बनाने के निर्देश दिये हैं.