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नरसिंहपुर: कलेक्टर ने गुड़ भ‍ट्टियों के सुचारू संचालन के लिए जारी किया प्रतिबंधात्मक आदेश - jaggery furnaces

नरसिंहपुर कलेक्टर ने गुड़ भट्टियों की व्यवस्थाओं को किसानों और जनता के हित में व्यवस्थित करने, गुड़ भट्टियों से संबंधित शिकायतों के निराकरण और सुचारु संचालन करने के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है.

Narsinghpur Collector Office
नरसिंहपुर कलेक्टर कार्यालय

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Published : Oct 13, 2020, 2:49 PM IST

नरसिंहपुर। कलेक्टर ने जिले में गुड़ भट्टियों की व्यवस्थाओं को किसानों और जनता के हित में व्यवस्थित करने, गुड़ भट्टियों से संबंधित शिकायतों के निराकरण और गुड़ भट्टियों का सुचारू संचालन के उद्देश्य से प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है. ये आदेश दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जारी किया गया है, जिसे पूरे जिले में तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है.

गुड़ भ‍ट्टी

जारी आदेश

  • भट्टी लगाने के लिए इच्छुक व्यक्ति को लिखित सूचना क्षेत्र के तहसीलदार को देना होगा.
  • इसकी पावती दी जाएगी.
  • पावती को संबंधित व्यक्ति को संभाल कर रखना होगा.
  • निरीक्षण के दौरान शासकीय कर्मचारियों को पावती दिखाना होगा.
  • तहसीलदार गुड़ भट्टियों के संचालन की जानकारी रजिस्टर में संधारित करेंगे.
  • तहसीलदार ही गुड़ भट्टियों की जानकारी थाना प्रभारियों को उपलब्ध कराएंगे.
  • प्रदेश के बाहर के व्यक्तियों द्वारा संचालित गुड़ भट्टियों का निरीक्षण थाना प्रभारियों द्वारा किया जाएगा.
  • राजस्व, कृषि और पंचायत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी गुड़ भट्टियों का निरीक्षण कर सकेंगे.

इसके अलावा कृषक और उनके परिवार के सदस्य अपनी निजी भूमि पर गन्ने से गुड़ का निर्माण बिना किसी लिखित अनुबंध के कर सकेंगे. उन्हें केवल तहसीलदार को प्रारूप- 1 में सूचना देना पर्याप्त होगा. भूमि स्वामी से लिखित अनुबंध के बगैर किसी भी भूमि पर अन्य व्यक्ति द्वारा गुड़ भट्टी का संचालन नहीं किया जा सकेगा. अनुबंधकर्ता गुड़ भट्टी संचालन की स्थिति में प्रारूप- 1 पर दोनों पक्षों के दो गवाहों की उपस्थिति में हस्ताक्षर कर सकेंगे. इस दौरान आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और अन्य प्रचलित विधियों के तहत कार्रवाई की जाएगी.

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गुड़ भट्टी संचालक को किसानों से खरीदे गए गन्ने और उसकी एवज में किसानों को किए गए भुगतान का लेखा-जोखा रखना अनिवार्य होगा. भट्टी संचालक को कार्यरत मजदूरों और उन्हें किए गए भुगतान की जानकारी का लेखा-जोखा भी रखना अनिवार्य होगा. मजदूरों के पंजीयन के संबंध में श्रम विभाग द्वारा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

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