नरसिंहपुर। कोविड- 19 के संक्रमण से बचाव के लिए लॉकडाउन किया गया है. जिसके तहत जिले की सीमाओं को सील किया गया है. इस दौरान कलेक्टर की अनुमति के बिना किसी भी व्यक्ति का जिले में प्रवेश प्रतिबंधित है. इसके बावजूद जेल अधीक्षक ने भोपाल के तीन कोरोना संदिग्ध मरीजों को नरसिंहपुर जिले में प्रवेश करने के लिए एसडीएम को पत्र लिखा. इस मामले में कलेक्टर दीपक सक्सेना ने केंद्रीय जेल अधीक्षक शेफाली तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिसमें उनसे तीन दिन के अंदर जबाब मांगा गया है.
भोपाल से नरसिंहपुर में प्रवेश कराए गए कोरोना संदिग्ध, कलेक्टर ने जेल अधीक्षक को दिया शोकॉज नोटिस
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने केंद्रीय जेल अधीक्षक शेफाली तिवारी को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. जिसमें उनसे भोपाल के तीन कोरोना संदिग्ध मरीजों को जिले में प्रवेश कराने पर तीन दिन के अंदर जवाब मांगा गया है.
कलेक्टर द्वारा नोटिस में उल्लेख है कि, जेल अधीक्षक ने अपने पद एवं प्रभाव का गलत इस्तेमाल किया है. जिसके चलते उन्होंने कलेक्टर एवं सक्षम अधिकारी को सूचना दिए बिना 11 अप्रैल को महिला प्रहरी चंदा तिवारी को उनकी बेटी रेखा तिवारी व नातिन प्राची को भोपाल से नरसिंहपुर जिले की सीमा में प्रवेश कराया है. जिसमें से एक महिला चंदा तिवारी का कुछ दिन पहले एम्स में इलाज होने की भी जानकारी है. ऐसे में कोरोना प्रभावित क्षेत्र से किसी भी व्यक्ति का जिले में प्रवेश करना खतरनाक हो सकता है.
कलेक्टर ने शेफाली तिवारी के इस कृत्य को गैर जिम्मेदाराना व कर्तव्य के प्रति लापरवाही, उदासीनता व स्वेच्छाचारिता मानते हुए इसे मप्र सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के प्रावधानों के प्रतिकूल बताया है. उन्होंने चेतावनी दी है कि, 'क्यों न आपके विरुद्ध मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील नियम 1966 के नियम 09 के प्रावधानों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लिखा जाए'.