नरसिंहपुर: 21वीं सदी में लोग चांद पर जाने की तैयारी कर रहे हैं, व्यवस्थाएं हाईटेक हो रही हैं. इंटरनेट को बढ़ावा दिया जा रहा है. वहीं नरसिंहपुर जिले के चांडाल डूंगरिया गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. इस गांव के ग्रामीणों के आने-जाने के लिए ना तो कोई संपर्क मार्ग है और ना ही यहां के लोगों को पीने के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था हो पाई है. प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का दंश झेल रहा यह गांव विकास से कोसों दूर है. मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ अब तक यहां के ग्रामीणों को नहीं मिला. न तो गांव में गली-नाली बनी और न ही अस्पताल का अता पता है.
गांव में ना सड़क, ना पानी और ना अस्पताल
गांव चांडाल डूंगरिया, ग्राम पंचायत रोहिया से तकरीबन 5 किलोमीटर दूर बसा है. घने जंगलों के बीच में से होते हुए यहां पहुंचा जा सकता है. यहां पहुंचने के लिए रास्ता नहीं है. चट्टानों और पहाड़ियों के बीच से गुजरना पड़ता है. रास्ते में कई जहरीले जीव जंतु और खतरनाक जानवर रहते हैं. कोई बीमार हो जाए तो उसे अस्पताल लाने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है. क्योंकि कच्चा रास्ता होने से कई बार इस गांव के लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. अधिकतर खाट पर बांधकर मरीज को अस्पताल लाया जाता है. वहीं गांव में कुआं के पानी से लोग अपनी प्यास बुझाने को विवश हैं. राशन कार्ड या अन्य सुविधाएं भी यहां के लोगों को अब तक नसीब नहीं हो पाई है. कक्षा पांचवी के बाद बच्चों की पढ़ाई के लिए कोई स्कूल नहीं.