मुरैना। पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निधन पर पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने शोक जताया है. उन्होंने बताया कि हम जब छात्र नेता थे, उस समय सुषमा जी ग्वालियर के माधव कॉलेज में छात्र संघ के कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बनकर ग्वालियर आईं और उस समय से हम उनके संपर्क में रहे, वे न केवल विद्वान नेत्री थीं, बल्कि निर्णय लेने की प्रखर क्षमता रखती थीं.'
जब सुषमा ग्वालियर के माधव कॉलेज में कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बनकर आईं, तो ऐसा था नज़ारा - मध्यप्रदेश समाचार
सुषमा स्वराज के निधन से दुखी पूर्व विधायक गजराज सिंह सिकरवार ने मुरैना में उनसे जुड़ी बातों को ईटीवी भारत के साथ साझा किया है.
गजराज सिंह ने बताया कि 1977 में वे ग्वालियर माधव कॉलेज के छात्र थे. इस दौरान वे छात्र संघ के नेता थे और केपी सिंह उस समय माधव कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष थे. गजराज सिंह ने बताया कि उस समय कॉलेज के छात्र संघ कार्यक्रम के लिए हमें मुख्य अतिथि को आमंत्रित करना था, इसके लिए हमने जॉर्ज फर्नांडिस साहब को आमंत्रण दिया, लेकिन उन्होंने हरियाणा में चौधरी देवीलाल सरकार की मंत्री सुषमा स्वराज का नाम प्रस्तावित किया और उन्हें ग्वालियर के कार्यक्रम में आने के लिए कहा. माधव कॉलेज के कार्यक्रम में जब सुषमा स्वराज आईं, उस समय से हम सभी छात्र नेताओं की टोली उनके साथ संपर्क में आई और तब से लगातार निरंतर संपर्क में रहे, हमने देखा है कि वे न केवल प्रखर वक्ता थीं, बल्कि निर्णय लेने की अद्भुत क्षमता भी रखती थीं.
गजराज सिंह ने बताया कि वे हमेशा कार्यकर्ताओं की मदद करने के लिए तत्पर रहती थीं. उन्होंने कहा कि एक बार राकेश दीक्षित की एग्जीक्यूटिव काउंसिल को लेकर कानूनी पेंच फंसा और हम लोग सुप्रीम कोर्ट में अपने प्रकरण को लेकर गए, जहां हमने सुषमा जी के पति स्वराज कौशल को सुप्रीम कोर्ट का वकील किया और उसमें हमें स्थगन प्रस्ताव तत्काल मिला, मैं सुषमा जी के निधन पर शोक प्रकट करते हुए परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं और ईश्वर से कामना करता हूं कि उनके परिवार को इस क्षण में शक्ति प्रदान करें.'