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मुरैना के गांवों में गहराया जल संकट, प्राइवेट बोरों से ग्रामीण खरीद रहे हैं पानी

मुरैना के सबलगढ के रामपुर कलां इलाके में लोग पीने के पानी के लिए परेशान हो रहे हैं. ग्रामीणों की माने तो ऐसे हालात यहां कई सालों से है लेकिन अब तक कोई निदान नहीं हुआ. पेयजल की गड़बड़ाती व्यवस्था से पंचायत के 12 गांवों के ग्रामीण पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. कई गांवो में लोग प्राइवेट बोरों से पानी खरीद रहे हैं.

Water crisis deepens in Rampur Kalan
रामपुर कलां में गहराया जल संकट

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Published : Jun 7, 2020, 10:01 AM IST

मुरैना।गर्मी के सीजन में पानी का संकट एक बार फिर गहरा गया है. मुरैना के सबलगढ के रामपुर कलां इलाके में लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं. ग्रामीणों की माने तो ऐसे हालात कई सालों से है मगर जिम्मेदारों ने उनके गांव का कभी रुख नहीं किया. पेयजल की गड़बड़ाती व्यवस्था से पंचायत के 12 गांवों के ग्रामीण बूंद-बूंद पीने के पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

रामपुर कलां में गहराया जल संकट

ग्रामीणों की माने तो इन दिनों पानी या तो खरीदना पड़ता है या दूर-दराज के क्षेत्रों में जाकर पानी भरकर लाना पड़ता है. 10 साल से ज्यादा का वक्त निकल गया लेकिन पीने के पानी की समस्या मूंह बाये खड़ा है. क्षेत्र में पानी की किल्लत को देखते हुए प्रशासन ने भी हाथ खड़े कर रखे हैं. इसके अलावा जनप्रतिनिधि भी जल संकट पर कुछ बोलने से कतराते हैं. यहां का भू-जल स्तर इतना नीचे जा चुका है कि बोर और हैडपंप भी फेल हो चुके है.

मुरैना के रामपुर कलां पंचायत के 12 गांवो में हालात खराब हैं. भूजल स्तर बहुत नीचे जा चुका है. एक ग्रामीण ने बताया कि गांव के कुछ रसूखदार लोगों के यहां बोर अभी भी काम कर रहे हैं. जिनकी बदौलत रामपुर कलां गांव के लोग किराए पर पानी लेकर अपना गुजारा करते हैं.

वहीं मामले में मुरैना कलेक्टर प्रियंका दास ने बताया कि मुरैना के कई इलाके में काफी लंबे समय से पानी की समस्या है. ऐसे मामले सामने आ रहे हैं और कोशिश की जा रही है कि उनका जल्द से जल्द निदान हो सके. इसके लिए 4 करोड़ की राशि का पेयजल योजना के तहत प्रस्ताव बनाया गया है. मंजूरी मिलते ही योजना पर काम शुरू किया जाएगा. फौरी तौर पर टैंकरों के सहारे से पेयजल सुविधा सुनिश्चित की जा रही है.

मुरैना ही नहीं बिन पानी सब सून की कहावत मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में चरितार्थ हो रही है. मुरैना जिले में गांवों में पानी बेंचने और खरीदने का धंघा जोरों पर है क्योंकि यहां पानी गर्मियों में सबसे मुल्यवान है.

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