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निगम आयुक्त की अनुपस्थिति में स्टेनों को माला पहनाकर वार्डवासियों ने सौंपा ज्ञापन

नगर निगम के वार्ड क्रमांक 14 और 15 में सड़क न बनने, कीचड़, जलभराव और साफ सफाई जैसी समस्याओं से जूझ रहे वार्ड वासियों ने दो दर्जन लोगों के साथ मिलकर पूर्व पार्षद ने विरोध स्वरूप नगर निगम में एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया.

Morena Municipal Corporation
मुरैना नगर निगम

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Published : Aug 31, 2020, 7:33 PM IST

मुरैना।नगर निगम के वार्ड क्रमांक 14 और 15 में सड़क न बनने, कीचड़, जलभराव और साफ सफाई जैसी समस्याओं से जूझ रहे वार्ड वासियों के दो दर्जन लोगों के साथ मिलकर पूर्व पार्षद ने विरोध स्वरूप नगर निगम में एक अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. नगर निगम कमिश्नर और मेयर को माला पहनाकर सम्मान करने के लिए नगर निगम कार्यालय जा पहुंचे. लेकिन कमिश्नर और मेयर कार्यालय में नहीं मिले और ऐसे में वार्डवासियों ने नगर निगम कार्यालय का घेराव कर कमिश्नर के स्टेनों को माला पहनाकर सम्मान किया और समस्याओं के निराकरण को लेकर एक ज्ञापन भी सौंपा है.

वार्ड क्रमांक 14 के पूर्व पार्षद की मानें तो 21 माधौपुर से बायपास तक सड़क बनाने और वार्ड के अन्य समस्याओं को लेकर सड़क पर भरे पानी में धान बुवाई कर विरोध प्रदर्शन किया था. तब नगर निगम कमिश्नर अमर सत्य गुप्ता वहां पहुंचकर लोगों को जल्द सड़क बनाने और समस्याओं को दूर करने का आश्वासन दिया था. लेकिन आजतक ना तो सड़क बनी और ना ही वार्ड की समस्याएं दूर हुई. इन सभी समस्याओं को लेकर वार्ड क्रमांक 14 और 15 के लोग और भाजपा के पूर्व पार्षद दिलीप राठौर ने नगर निगम महापौर और कमिश्नर को सम्मान करने का निर्णय लिया.

दो दिन पूर्व समय लेने के बाद आज वार्डवासी नगर निगम कार्यालय पहुंचकर गांधीगिरी का परिचय देते हुए अनोखा विरोध प्रदर्शन किया और जमकर नारेबाजी की. लेकिन कमिश्नर अपने कार्यालय में उपस्थित नहीं थे, जिसके बाद लोगों ने कमिश्नर के स्टेनों को बुलाकर माला पहनाकर सम्मान किया और वार्ड की समस्याओं को दूर करने के लिए ज्ञापन भी सौंपा.

पूर्व पार्षद का कहना है कि इस सम्मान से शायद अधिकारियों को सद्धबुद्धि आ जाये. इसके साथ ही चेतावनी भी दी है अगर अधिकारियों ने नहीं सुनी तो आगामी दिनों में भूख हड़ताल करेंगे.

मुरैना नगर निगम के हालात इन दिनों नगर पालिका से बदतर हो चुकी है. अधिकारी और जनप्रतिनिधियों के कानों तक लोगों की बातें और शिकायतें नहीं पहुंच रही हैं. ऐसे में जहां जैसे हालात हैं उन हालातों में लोगों को रहना पड़ेगा, भ्रष्टाचार के मामलों में डूबी नगर निगम लोगों की सुनवाई कैसे कर पाएगी.

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