मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

अकल्पनीय! इस मंदिर में अदृश्य शक्ति करती है पूजा, आज भी रहस्य बरकरार

मुरैना के पहाड़गढ़ इलाके में एक ऐसा रहस्यमयी मंदिर है, जहां का रहस्य आज भी बना सुलझा नहीं है, ईश्वरा महादेव मंदिर में रात के समय शिवलिंग की पूजा-अर्चना के साथ बेलपत्र भी चढ़ाया जाता है, लेकिन यह पूजा कौन अब करता है, यह एक पहेली बना हुआ है.

By

Published : Aug 8, 2021, 8:41 PM IST

Updated : Aug 8, 2021, 9:57 PM IST

invisible power in the temple
मंदिर में अदृश्य शक्ति

मुरैना। जिला मुख्यालय से 60 से 70 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ इलाके के जंगल में ईश्वरा महादेव मंदिर स्थित है, बियाबान जंगल में स्थित ईश्वरा महादेव स्वयंभू हैं, मतलब कि ये शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ है. मान्यता के अनुसार रामायण काल में लंकापति रावण के भाई विभीषण ने इस मंदिर में आकर तपस्या की थी.

मंदिर में अदृश्य शक्ति

अदृश्य शक्ति का रहस्य कोई नहीं जानता

ऐसा कहा जाता है कि श्रावण मास में विभीषण हर रोज सुबह 4 बजे इस मंदिर में पूजा करने आते हैं, पर उनको कोई भी नहीं देख पाता, महाभारत काल से भी पुराने इस मंदिर की मान्यता है, कि यहां पर पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस शिवलिंग की पूजा अर्चना की थी, ईश्वर महादेव मंदिर अपने चमत्कार के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है, यहां हर रोज सुबह 4 बजे कोई अदृश्य शक्ति आकर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करती है, पूजा करने वाला कौन है, यह आज तक रहस्य बना हुआ है.

ईश्वरा महादेव मंदिर

गुफा में मौजूद है शिवलिंग

इस महादेव मंदिर में पहुंचने के लिए पहले पहाड़गढ़ जाना पड़ता है, उसके बाद जंगल के रास्ते 12 किलोमीटर चलना पड़ता है, तब जाकर इस मंदिर में पहुंचा जा सकता है, मंदिर में नीचे उतरते ही पहाड़ में बनी गुफा में ही शिवलिंग है, जिस पर जल की धारा गिरती रहती है, यहां एक साधु भी रहते हैं, जो रात में मंदिर के ऊपर पहाड़ी पर बने हनुमान मंदिर में रुकते हैं.

मंदिर में स्थापित है शिवलिंग

मंदिर में कौन करता है पूजा, ये रहस्य अब भी बरकरार

रात को कौन शिवलिंग पर पूजा अर्चना कर बेलपत्र चढ़ाता है, यह आज तक रहस्य बना हुआ है, मंदिर पर राजा महाराजाओं के बाद वर्तमान में टीवी मीडिया के लोगों ने कई लोगों ने इसका रहस्य जानने की कोशिश की, लेकिन उन्हें आज तक सफलता नहीं मिली.

12 महीने शिवलिंग पर होता है अभिषेक

इस मंदिर में 12 महीने जल की धारा से शिवलिंग का अभिषेक होता है, यह अपने आप में एक चमत्कार है, जबकि आस पास पानी का कोई स्त्रोत मौजूद नहीं है, यहां तक कि इस इलाके में पानी की विकराल समस्या रहती है.

अनोखा बेल पत्र

इस इलाके में एक मुखी से लेकर 21 मुखी बेल पत्र

इसी के साथ यह ऐसा एकमात्र स्थान है, जहां पर एक मुखी बेलपत्र से लेकर 3, 5, 7, 9, 11 और 21 मुखी तक के बेलपत्र पाए जाते हैं, ऐसे ही कई और चमत्कारों से भरा ईश्वर महादेव मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है. इन चमत्कारों के चलते यहां बड़ी संख्या में लोग भगवान शिव के दर्शन करने यहां आते रहते हैं.

कभी विभीषण ने यहां आकर की थी तपस्या, शिवलिंग में सालों से बह रही अविरल जल की धारा

आज तक नहीं बनी सड़क

सावन के दिनों में ईश्वरा महादेव मंदिर के दर्शनों के लिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान सहित दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं, प्राचीन मंदिर होने के बाद भी प्रशासन और सरकार ने इसकी तरफ कभी ध्यान नहीं दिया, मंदिर से दो किलोमीटर दूर तक आज तक सड़क नहीं बनी, जिसके चलते मंदिर जाने वालों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

Last Updated : Aug 8, 2021, 9:57 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details