मुरैना। जिला मुख्यालय से 60 से 70 किलोमीटर दूर पहाड़गढ़ इलाके के जंगल में ईश्वरा महादेव मंदिर स्थित है, बियाबान जंगल में स्थित ईश्वरा महादेव स्वयंभू हैं, मतलब कि ये शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ है. मान्यता के अनुसार रामायण काल में लंकापति रावण के भाई विभीषण ने इस मंदिर में आकर तपस्या की थी.
अदृश्य शक्ति का रहस्य कोई नहीं जानता
ऐसा कहा जाता है कि श्रावण मास में विभीषण हर रोज सुबह 4 बजे इस मंदिर में पूजा करने आते हैं, पर उनको कोई भी नहीं देख पाता, महाभारत काल से भी पुराने इस मंदिर की मान्यता है, कि यहां पर पांडवों ने अज्ञातवास के दौरान इस शिवलिंग की पूजा अर्चना की थी, ईश्वर महादेव मंदिर अपने चमत्कार के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है, यहां हर रोज सुबह 4 बजे कोई अदृश्य शक्ति आकर शिवलिंग की पूजा-अर्चना करती है, पूजा करने वाला कौन है, यह आज तक रहस्य बना हुआ है.
गुफा में मौजूद है शिवलिंग
इस महादेव मंदिर में पहुंचने के लिए पहले पहाड़गढ़ जाना पड़ता है, उसके बाद जंगल के रास्ते 12 किलोमीटर चलना पड़ता है, तब जाकर इस मंदिर में पहुंचा जा सकता है, मंदिर में नीचे उतरते ही पहाड़ में बनी गुफा में ही शिवलिंग है, जिस पर जल की धारा गिरती रहती है, यहां एक साधु भी रहते हैं, जो रात में मंदिर के ऊपर पहाड़ी पर बने हनुमान मंदिर में रुकते हैं.
मंदिर में कौन करता है पूजा, ये रहस्य अब भी बरकरार
रात को कौन शिवलिंग पर पूजा अर्चना कर बेलपत्र चढ़ाता है, यह आज तक रहस्य बना हुआ है, मंदिर पर राजा महाराजाओं के बाद वर्तमान में टीवी मीडिया के लोगों ने कई लोगों ने इसका रहस्य जानने की कोशिश की, लेकिन उन्हें आज तक सफलता नहीं मिली.