मुरैना। पीएनडीटी एक्ट के तहत आये नए प्रावधानों के पालन में आ रही तकनीकी परेशानी को लेकर अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने की कलेक्टर के साथ बैठक गई. बैठक में पीएनडीटी एक्ट के तहत आये नए प्रावधानों के पालन में आ रही तकनीकी परेशानी पर चर्चा की गई. अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने कहा कि किसी भी फार्मेट डाटा के रिकॉर्ड दो वर्ष तक रखना संभव नहीं है.
सोनोग्राफी सेंटर संचालकों ने की कलेक्टर से मुलाकात,पीएनडीटी एक्ट संसोधन से हैं नाराज अल्ट्रासाउंड और सोनोग्राफी सेंटर संचालकों का कहना है कि अभी तक पीएनडीटी एक्ट के पालन में भ्रूण लिंग परीक्षण होने वाली प्रसूता की जानकारी मैनुअली रिकॉर्ड से रखी जाती थी. बाद में नये प्रावाधान के तहत लाडली लक्ष्मी एप पर ऑनलाइन करने का प्रावधान आया. और अब एमपी ऑनलाइन के माध्यम से जानकारी ऑनलाइन अपलोड करनी होती है. अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी संचालकों ने एमपी ऑनलाइन जानकारी जांच से पहले भरने में असमर्थता जताई है. वहीं कलेक्टर ने शासन के नियमों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं ।
बता दें कि जिले में में लगातार लिंगानुपात बढ़ता जा रहा है. 1000 लड़कों की संख्या अनुपात में 823 लड़कियां औसतन हैं जो समाज के लिए चिंता का विषय है. सरकार ने भ्रूण लिंग परीक्षण पर प्रतिबंध लगा दिया है इसके बाद भी मुरैना जिले में 17 अल्ट्रासाउंड सोनोग्राफी सेंटर संचालित है.
शरदा संचालकों का कहना है कि रात के समय एमपी ऑनलाइन सेंटर बंद होते है ऐसे में रात के समय आने वाले मरीजों कि डाटा तकनीकी परेशानियों के कारण एमपी ऑनलाइन के एप जानकारी अपलोड करने में परेशानी होती है.
वर्तमान समय दो तरह से रिकॉर्ड मेंटेन किया जा रहा है एक रिकॉर्ड निर्धारित फॉर्मेट पर मैनुअली मेंटर रखा जाता है और दूसरा लाडली लक्ष्मी के एप पर प्रदेश सरकार द्वारा पहले से ऑनलाइन रिकॉर्ड भरने की व्यवस्था की है. और अब तीसरा योजना केंद्र सरकार के एमपी ऑनलाइन के माध्यम से रिकॉर्ड अपलोड करने के साथ-साथ मरीज का अंगूठा स्क्रीन कराना आवश्यक है जिसे लेकर प्रशासन और सेंटर संचालकों के साथ तालमेल नहीं बैठा है इस बैठक में पीएनडीटी एक्ट के समिति सदस्य भी मौजूद थे