मुरैना। अपने दो दिवसीय दौरे पर आए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शनिवार देर शाम जिले की पोरसा तहसील को हॉर्टिकल्चर की दृष्टि से मॉडल बनाने के लिए चयन किया. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाहा भी मौजूद रहे. इसके साथ ही उन्होंने किसानों के लिए उद्यानिकी फसलों का प्रशिक्षण देने के लिए कार्यालय भवन का शिलान्यास किया. ये भवन 30 लाख रुपये की लागत से बनाया जाएगा. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि पोरसा तहसील के किसानों के लिए एक बड़ी सौगात है. मध्यप्रदेश में ऐसे 20 विकास खंड चिह्नित किए गए हैं, जिनको हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में मॉडल बनाया जाएगा. वहीं पोरसा अस्प्ताल पहुंचकर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 100 LPM क्षमता के ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण भी किया. ये प्लांट सरस्वती एग्री कैमीकल्स मुम्बई द्वारा लगाया गया है.
20 आदर्श विकास खंडों के रूप में पोरसा का चयन
प्रदेश के उद्यानिकी मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने बताया कि केन्द्र सरकार ने प्रदेश के 20 आदर्श विकास खंडों के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इन 20 आर्दश विकास खंडों में मुरैना जिले का पोरसा का भी चयन हुआ है. इतने बड़े मध्यप्रदेश में पोरसा का चयन होना बहुत बड़ी बात है, जिसके लिए हम सभी को केंद्रीय मंत्री का धन्यवाद करना चाहिए. इसमें किसानों को महंगी फसलों की खेती के लिए ऋण पर अनुदान का प्रावधान किया गया है.
पांच बीघा से कम जमीन वालों को होगा लाभ
केन्द्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 14 फीसदी किसान 5 बीघा से ऊपर के है और 86 फीसदी पांच बीघा से कम जमीन के कास्तकार हैं. 5 बीघा से कम जमीन पर खेती को लाभ का धंधा कैसे बनाया जाए. इसके लिए सरकार ने छोटे किसानों को बड़े अनुदान देने का प्रावधान किया है. उन्होंने कहा कि खेती की सुरक्षा के लिए किसान बाउंड्री वॉल से लेकर तार फैंसिंग कराएंगे तो उसके लिए उन्हें 35 फीसदी तक अनुदान की सुविधा मिलेगी. पोरसा ब्लॉक में कृषि विकास पर 466 लाख रुपए व्यय किए जाएंगे. कोरोना काल में 1 करोड़ 57 लाख किसानों को केसीसी से जोड़कर उन्हें 2 लाख करोड़ के लोन की सुविधा दी है. बीते 6 वर्षों में केसीसी पर लोन को 6 करोड़ से बढ़ाकर 16 करोड़ तक किया गया है. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान प्रशिक्षण के बाद फल, सब्जी की फसलें उगा कर अच्छी आय प्राप्त करेंगे, तो किसान की खेती घाटे का सौदा नहीं रहेगी. हॉर्टिकल्चर के प्रशिक्षण के बाद किसान फूड प्रोसेसिंग के साथ-साथ अलग-अलग प्रकार की बागवानी करेगा, जिससे रोजगार के साधन बढ़ेंगे.