मुरैना। केएस ऑयल्स लिमिटेड फैक्ट्री ऑफिस और उद्योगपति रमेश गर्ग के निवास पर सीबीआई के छापे को लेकर कोई ठोस जानकारी सामने तो नहीं आ रही लेकिन बताया जा रहा है कि 100 करोड़ से अधिक के मामले मैं बैंक ने रिकवरी के लिए केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है. इसी कड़ी में यह केएस ऑयल्स लिमिटेड पर 35 सौ करोड़ से अधिक का बैंकों का धन बताया चल रहा है. जिसकी वसूली के लिए बैंकों द्वारा केएस ऑयल्स फाइल सीबीआई को ट्रांसफर करने का मामला बताया जा रहा है.
मुरैना में केएस ऑयल्स संचालक के ठिकानों पर सीबीआई का छापा - Palm oil
उद्योगपति रमेश गर्ग के निवास पर सीबीआई के छापे को लेकर कोई ठोस जानकारी सामने तो नहीं आ रही लेकिन बताया जा रहा है कि 100 करोड़ से अधिक के मामले मैं बैंक ने रिकवरी के लिए केस को सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया है.
2011 में टाइल्स की सभी तेल उत्पादक इकाइयां बंद होने के बाद बैंकों की देनदारियों बकाया होती जा रही थी, सबसे लेकर बैंक के लगातार वसूली का प्रयास कर रही हैं. बैंक कौन है पैंतीस सौ करोड़ की वसूली के लिए कई बार ऐसा इस लिमिटेड की नीलामी के नोटिस भी समाचार पत्रों के माध्यम से जारी किए थे. लेकिन कानूनी दांवपेच के कारण नौकरशाही की नीलामी हो सकी और ना ही बैंकों की बकाया राशि वसूल हो सकी.
वित्तीय संस्थाओं में रिकवरी फिर आती अगर 100 करोड़ से अधिक होती है तो वह केस बैंक प्रबंधन हैंडल न करते हुए सीबीआई को ट्रांसफर कर देता है. मुरैना में केयर साइंस लिमिटेड के कार्यालय जीवाजी गंज, मालिक रमेश घर के निवास के सामने केएस कोठी मुरैना और एबी रोड स्थित केएस लिमिटेड फैक्ट्री पर सीबीआई की टीमों ने एक साथ छापामार कार्रवाई शुरू की है. हालांकि सीबीआई की टीमों ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार कर दिया, यही नहीं कर्मचारियों के मोबाइल पर छीन कर अपने कब्जे में ले लिए है. केएस ऑयल्स वकील जब के साउथ के कार्यालय पहुंचे और सीबीआई से संपर्क करना चाहा तो उन्हें भी प्रवेश देने से रोक दिया गया इसलिए अभी कोई ठोस जानकारी निकलकर सामने नहीं आ पा रही है.