मुरैना। जिले से 25 किलोमीटर दूर उमरिया पुरा गांव कभी शराब और शराबियों का अड्डा माना जाता था. आए दिन शराब पीकर महिलाओं के साथ मारपीट की घटनाएं तो जैसे आम बात थी. गांव की महिलाओं के लिए एक समय ऐसा था जब कारोबार करना तो दूर वो घर से बाहर भी नहीं निकल सकती थी. आए दिन की मारपीट और पतियों का शराब पीकर आना इन सब से परेशान होकर गांव की सभी महिलाओं ने मिलकर संगठन बनाया और अपने पतियों के जुल्म के सबसे बड़े कारण शराब के खिलाफ आवाज उठाई.
धीरे-धीरे इस प्रयास का असर हुआ और पूरे गांव को ना सिर्फ शराब से मुक्ति मिली. बल्कि पाई पाई को मोहताज महिलाओं ने ही अपना संगठन बनाकर दूध का कारोबार शुरू कर दिया. कल तक जो महिलाएं बात करने से डरती थी आज वो खुलकर अपनी बात को रखती है, इसको लेकर यहां की बच्चियां और महिलाएं राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मिलने गई थी.