मुरैना। कोविड-19 संक्रमित मरीजों के प्रति मुरैना जिले में समाज और परिवार के लोगों का रवैया सकारात्मक है और वह मरीजों को सम्मान देते हुए उनका साथ दे रहे हैं. अगर यहां डब्ल्यूएचओ और आईसीएमआर की गाइडलाइन के मुताबिक बंदिशें ना होतीं तो मरीज को 14 दिन तक एकान्त में भी नहीं रख पाते. ये लोगों की भावनाएं हैं, जिसके चलते कोरोना से संक्रमित मरीजों को अपने परिजन और अन्य लोगों का भावनात्मक लगाव मिल रहा है जो उन्हें इस संकट की घड़ी में मानसिक रूप से मजबूत बना रहा है.
ऐसा ही कुछ मामला बीते रोज जिला अस्पताल में सामने आया, जहां अज्ञात व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई. मृतक की पहचान होने पर उसके परिजन तमाम नियमों और गाइडलाइन के चलते शव को लेने नहीं आ सके. लेकिन उन्होंने मुरैना में ही रह रहे अपने बहन और बहनोई को मृतक का अंतिम संस्कार करने के लिए कहा, महामारी के इस दौर में संक्रमण का डर होने के कारण जहां लोग अपने परिवार के सदस्यों का अंतिम संस्कार करने से मना कर रहे हैं, ऐसे में मृतक के रिश्तेदारों ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए उनका अंतिम संस्कार किया. बता दें मृतक का पैतृक गांव फतेहाबाद उत्तर प्रदेश है और उसके परिजन कोरोना संक्रमण काल में संसाधनों के अभाव के कारण शव लेने नहीं आ सके, जिसके बाद मुरैना में उनकी बहन और बहनोई ने मृतक का अंंतिम संस्कार किया.
हालांकि, मृतक देवेंद्र वर्मा कोरोना संक्रमित नहीं थे. लेकिन इतनी दूरी से साधन लेकर आना और जाना और उसके लिए राज्यों की अनुमति लेने जैसी समस्याओं के कारण उसके परिजनों ने उसे सीधे ना लेते हुए अपनी बहन और बहनोई को सौंपने की पुलिस को अनुमति दे दी.